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सेहत की जांच के लिए सही तरीका नहीं है BMI, जानिए विशेषज्ञों की राय

सभी लोग जिंदगीभर सेहतमंद रहना चाहते हैं लेकिन यह आसान नहीं है। लोग अपने शरीर की सही हाईट, वजन आदि को जानने के लिए बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) का सहारा लेते हैं। बीएमआई के सहारे से वे जानते हैं कि उनको...

सेहत की जांच के लिए सही तरीका नहीं है BMI, जानिए विशेषज्ञों की राय
लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 04 Jul 2018 02:50 PM
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सभी लोग जिंदगीभर सेहतमंद रहना चाहते हैं लेकिन यह आसान नहीं है। लोग अपने शरीर की सही हाईट, वजन आदि को जानने के लिए बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) का सहारा लेते हैं। बीएमआई के सहारे से वे जानते हैं कि उनको किस उम्र में कितने वजन की जरूरत होगी। लेकिन कई एक्सपर्ट्स ने बीएमआई की आलोचना की है। उनका मानना है कि बीएमआई सेहत के बारे में सटीक जानकारी नहीं उपलब्ध कराता है। यहां हम आपको इस बारे में कुछ एक्सपर्ट्स की राय बता रहे हैं। पढ़ें: 

एलेसैंड्रो आर डेमायो (डॉक्टर) 

कोपेनहेगन विश्वविद्यालय में ग्लोबल हेल्थ एंड एनसीडी में फेलो और ऑस्ट्रेलियाई मेडिकल डॉक्टर एलेसैंड्रो का कहना है कि यहां दो सवाल खड़े होते हैं। क्या बीएमआई वजन का अच्छा इंडीकेटर है और क्‍या वजन सही होना, सेहत सही होना है। 

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उन्होंने आगे बताया कि बीएमआई का इस्तेमाल जब ग्रुप पर  होता है तब जानकारी सही आती है लेकिन जब किसी व्यक्तिगत इस्तेमाल किया जाता है तो जानकारी दुरुस्त नहीं होती है। एलेसैंड्रो कहते हैं कि सभी वजनी लोगों में दिल की बीमारी का खतरा नहीं होता है, उसी तरह पतले-दुबले सभी लोग दिल की बीमारी से दूर नहीं रहते हैं।

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एमा गेरन (रिसर्च फेलो, डेकिन विश्वविद्यालय)

ऑस्ट्रेलिया के डेकिन विश्वविद्यालय में बतौर रिसर्च फेलो कार्यरत एमा गेरन बीएमआई पर बात करते हुए कहती हैं कि यह एक वजन और हाईट को दिखाने के लिए काफी आसान इंडिकेटर है। लेकिन यह फसल मास और फैट मास के बीच अंतर नहीं कर पाता है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि बीएमआई सभी तरह की मास +2 के बारे में जानकारी नहीं दे पाता है।

एक रिसर्च में बीएमआई ने महिलाओं के लिए लगभग 50 प्रतिशत और पुरुषों के लिए 30 प्रतिशत मोटापे के प्रसार को कम करके आंका था। इस वजह से एक्सपर्ट्स का मानना है कि बीएमआई को अब स्वस्थ वजन का विश्वसनीय संकेतक नहीं माना जा सकता है। इसके लिए किसी दूसरे विकल्प की जरूरत है।

एवेलिन पर (मैरी मैककिल्लॉप इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ रिसर्च में एक्सरसाइज मेटाबोलिज्म और न्यूट्रिशन की रिसर्च फेलो)

फिटनेस एक्सपर्ट के तौर पर काम करने वालीं एवेलिन पर ने बताया है कि लोगों को वेस्टलाइन्स के मुकाबले मांसपेशियों को मजबूत करने पर ज्यादा फोकस करना चाहिए। बीएमआई इस बारे में जानकारी नहीं देता है कि किसी शख्स में कितनी मांसपेशियां हैं और उनके शरीर के किस हिस्से में कितना फैट है। जैसे- किसी शख्स के पैर, हाथ आदि जगह पर कितना फैट मौजूद है।

उन्होंने आगे बताया कि बीएमआई बड़े अध्ययनों में काफी उपयोगी है। वहीं, व्यक्तिगत रूप से हमारा फोकस खुद को फिट रखने में होना चाहिए, जिससे हमारी मांसपेशियां मजबूत हों।

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