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आवाज सुरीली ही नहीं कई रोगों से भी बचाती है मुलेठी

बड़े-बुजुर्गों से आमतौर पर किशोरों को यह कहते हुए सुना जाता है कि आवाज को मधुर और सुरीली बनाना है तो मुलेठी खाओ। इसमें और भी गुण हैं जो कि कई बीमारियों से बचने में मदद करते हैं। लीकोरिस रूट यानी...

आवाज सुरीली ही नहीं कई रोगों से भी बचाती है मुलेठी
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीTue, 21 Jan 2020 08:19 PM
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बड़े-बुजुर्गों से आमतौर पर किशोरों को यह कहते हुए सुना जाता है कि आवाज को मधुर और सुरीली बनाना है तो मुलेठी खाओ। इसमें और भी गुण हैं जो कि कई बीमारियों से बचने में मदद करते हैं। लीकोरिस रूट यानी मुलेठी को मीठी जड़ के रूप में भी जाना जाता है। 

यह एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटीबायोटिक, प्रोटीन, वसा, कैल्शियम, ग्लिसराइजिक एसिड के गुणों से भरपूर होती है। इसका इस्तेमाल घाव के उपचार, दमा, आंखें, मुंह, और गले के रोगों के उपचार के लिए सदियों से किया जा रहा है।

मुलेठी में विटामिन बी और विटामिन ई भरपूर मात्रा में होता है। साथ ही यह फास्फोरस, कैल्शियम, कोलीन, आयरन, मैग्निशियम, पोटेशियम, सिलिकॉन और जिंक का भी अच्छा स्रोत है। मुलेठी सांस संबंधी बीमारियों, पाचन रोगों, सर्दी-खांसी, कफ, गले और यूरिन इन्फेक्शन की समस्या को भी जड़ से खत्म करने के लिए उपयोगी है।  खांसी होने पर बलगम सूखा होता है तो बार-बार खांसने पर बड़ी मुश्किल से निकल पाता है। 

बलगम से छुटकारा पाने के लिए आप 2 कप पानी में 5 ग्राम मुलेठी का चूर्ण डालकर उसे इतना उबाल लें कि पानी आधा कप बच जाए। इसके सेवन से कफ पतला होकर बड़ी आसानी से निकल जाएगा साथ ही खांसी की परेशानी भी दूर होगी। मुलेठी को काली-मिर्च के साथ खाने से भी कफ पतला होता है। गले में संक्रमण हो, खराश महसूस हो रही हो या फिर सूजन की समस्या हो, मुलेठी का एक टुकड़ा लेकर उसे चूसें। इससे परेशानी दूर होगी। 

पेट दर्द, सूजन, ऐंठन, आंतों में कीड़े के रोग मुलेठी से सेवन से दूर हो जाएंगे। इसके लिए मुलेठी के चूर्ण को शहद के साथ दिन में दो से तीन बार लें। मुलेठी पाउडर को दूध में मिलाकर पिएं। इसके अलावा दिन में दो से तीन बार शहद के साथ मुलेठी लें। अल्सर की बीमारी दूर होगी। बार-बार यूरिन आने की समस्या को दूर करने के लिए मुलेठी का सेवन करें। 2-4 ग्राम मुलेठी चूर्ण को गर्म दूध के साथ पिएं। 

मुलेठी का सेवन दिल की बीमारियों से दूर रखने में मदद करता है। मुलेठी को घी या शहद में मिलाकर लेने से फायदा होगा। मुंह में छाले हो जाने पर इसे चूसने और इसके पानी से कुल्ला करने से आराम मिलता है। मुंहासों पर मुलेठी का लेप लगाने से जल्दी ठीक हो जाता है। वहीं मुलेठी और तिल को पीसकर घी मिलाकर त्वचा के घाव पर लेप करने से घाव भर जाता है।

रुमेटाइडज अर्थराइटिस के इलाज में मददगार-
महिलाओं के लिए मुलेठी का सेवन लाभकारी होता है। इससे मेनोपॉज के साथ जुड़ी समस्याओं से निपटने में मदद मिलती है। शरीर में हार्मोनल इम्बैलेंस को ठीक करने में इस जड़ी बूटी में मौजूद फाइटोएस्ट्रोजेनिक कम्पाउंड्स काफी फायदेमंद हैं। इससे डिप्रेशन, अनिद्रा और रात में आने वाले पसीने की समस्याओं से निजात मिलती है।

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