एसी में रहते हैं तो हो जाएं सावधान, हो सकती हैं ये बीमारियां
क्या आप जानते हैं कि एसी की ठंडी हवा में रहने से चिलचिलाती धूप से तो राहत मिल जाती है। लेकिन इसके कई नुकसान है। इसकी हवा से कई बीमारियां...
एसी में रहते हैं तो हो जाएं सावधान, हो सकती है ये बीमारियां
घर में हों या ऑफिस में, एक बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है, जो पूरा समय एयरकंडीशंड कमरों में बिताते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि एसी की ठंडी हवा में रहने से चिलचिलाती धूप से तो राहत मिल जाती है, पर उसके कुछ नुकसान भी हैं? जानें स्वाति गौड़ से।
आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि सांस संबंधी रोगों से पीडि़त व्यक्तियों को एसी की ठंडक राहत देती है। यह पूरी तरह गलत भी नहीं है। खासकर उमस में श्वसन प्रक्रिया सहज रहती है। पर हमेशा एसी में रहना परेशानी बढ़ा सकता है। कारण, जिस कमरे में एसी चलाया जाता है, वहां ताजी हवा की गुंजाइश खत्म हो जाती है। अगर एसी की सफाई लंबे समय तक न की जाए तो इसमें धूल-मिट्टी इकट्ठी होकर कमरे में फैलने लगती है और सांस संबंधी रोगों को बढ़ा देती है।
अगली स्लाइड में पढ़ें एसी में रहने से कौन सी बीमारी होती है-
एसी से होती है जोड़ों में दर्द की समस्या समेत कई बीमारी
जोड़ों में दर्द की समस्या-
लंबे समय तक सामान्य से बहुत कम तापमान में बैठे रहने से जोड़ों में अकड़न बढ़ जाती है। चलने-फिरने में ज्यादा परेशानी होने लगती है। जोड़ों में दर्द रहता है तो समय समय पर एसी कमरों में अपनी सीट से उठना, कुछ-कुछ देर बाद एसी बंद कर देना जरूरी है।
आंखों व त्वचा के शुष्क होने की समस्या-
जो लोग दफ्तर में घंटों कम्प्यूटर के सामने बैठे रहते हैं, उन्हें आंखों में खुजली या सूखेपन की शिकायत रहने लगती है। एसी की बेहद ठंडी हवा वातावरण से नमी खत्म कर देती है। नमी रहित यह हवा हमें गर्मी और उमस से तो राहत दिलाती है, लेकिन आंखों में मौजूद आवश्यक नमी को खत्म कर देती है। खासतौर पर जो लोग कॉन्टेक्ट लेंस लगाते हैं, उन्हें ज्यादा परेशानी हो सकती है। शुष्क हवा में ज्यादा देर तक रहने से लैंसों के आंख में ही चिपक जाने का खतरा रहता है। इसी तरह एसी की हवा में पानी कम पिया जाता है, जिससे त्वचा में रूखापन बढ़ जाता है।
रक्तचाप पर असर-
लंबे समय तक एसी की ठंडी हवा में बैठने से हमारे शरीर का तापमान कृत्रिम तरीके से काफी नीचे चला जाता है। इससे शरीर की कोशिकाएं संकुचित होने लगती हैं और रक्त संचार प्रभावित होने लगता है, जो सिरदर्द, चक्कर, उल्टी आना और लो ब्लड प्रेशर जैसी परेशानियों के रूप में सामने आ सकता है। .
सर्द-गरम के नुकसान-
एसी के ठंडे तापमान से एकदम निकल कर जब हम सामान्य तापमान में जाते हैं तो शरीर इतनी जल्दी ऊपर-नीचे होते तापमान के साथ तालमेल नहीं बिठा पाता। ऐसा करने से बुखार और चिड़चिड़ाहट हो सकती है। तेज थकान महसूस होने लगती है और लू लगने का खतरा भी बढ़ जाता है।
अगली स्लाइड मे पढ़ें क्या बरते सावधानी-
ये सावधानियां बरतें-
एसी कमरों में बैठने से कई लाभ भी होते हैं, पर कुछ बातों का ध्यान भी जरूरी है...
- एसी की नियमित सर्विस कराएं, ताकि धूल-मिट्टी साफ हो सके। पानी की निकासी होती रहे।
- जिस कमरे में एसी चलता हो, कभी-कभी उसके खिड़की-दरवाजे खोल कर रखें, ताकि धूप व ताजी हवा कमरे में आ सके।
- एसी में अकसर पक्षी बीट कर देते हैं, जो सांस के मरीजों के लिए घातक है। ध्यान दें कि एसी के आस-पास पक्षी ना आने पायें।
- देर तक और एसी के ठीक सामने ने बैठेंं। उसे बहुत कम तापमान पर न चलाएं।
- जिस कमरे में एसी चलता हो, वहां पानी से भरा एक बर्तन हमेशा रखें। ऐसा करने से वातावरण में नमी बरकरार रहेगी। आंखें और त्वचा शुष्क नहीं हो पाएंगी।
- हर दो घंटे में कुछ समय के लिए एसी बंद कर दें। इससे कमरे का तापमान संतुलित रखने में मदद मिलती है।
- एसी से सीधे धूप में बाहर न निकलें। कुछमिनट रुककर शरीर को सामान्य तापमान पर आने दें।