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बिना दुष्प्रभाव के गर्भनिरोधक गोलियां बनाने में जुटे स्वीडिश विशेषज्ञ

स्वीडन के वैज्ञानिक महिलाओं के लिए ऐसी गर्भनिरोधक गोलियां बना रहे हैं, जिसके दुष्प्रभाव नहीं होंगे। विशेषज्ञों का दावा है कि यह गोलियां हॉर्मोनरहित होंगी, लिहाजा इनके दुष्प्रभाव भी नहीं...

बिना दुष्प्रभाव के गर्भनिरोधक गोलियां बनाने में जुटे स्वीडिश विशेषज्ञ
एजेंसी,स्टॉकहोम Thu, 29 Mar 2018 06:27 PM
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स्वीडन के वैज्ञानिक महिलाओं के लिए ऐसी गर्भनिरोधक गोलियां बना रहे हैं, जिसके दुष्प्रभाव नहीं होंगे। विशेषज्ञों का दावा है कि यह गोलियां हॉर्मोनरहित होंगी, लिहाजा इनके दुष्प्रभाव भी नहीं होंगे। 

यह अध्ययन केटीएच रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में किया गया है। प्रमुख शोधकर्ता थॉमस क्रूजियर का कहना है कि विशेषज्ञ गर्भधारण से बचाने वाली झिल्लीदार परत में कसाव बढ़ाने वाली तकनीक विकसित करने की कोशिश में लगे हुए हैं। इसके लिए केकड़े या झींगा में मौजूद तत्व काइटोसान के साथ मिलाकर म्यूकस जेल का एक तत्व बनाया जाएगा। यह तत्व शरीर की पहली सुरक्षा परत को और मजबूत बनाने का काम करेगा। 

बायोमैक्रोमॉलीक्यूल्स में प्रकाशित अध्ययन में विशेषज्ञों ने बताया कि म्यूकस जेल के इस्तेमाल से कॉलेरा प्रोटीन और डेक्ट्रान पॉलिमर्स का प्रसार धीमा हो गया। इस अवरोध के न होने से आंत संबंधी बीमारियों के अलावा राइनाइटिस, एसिडिटी और अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा बना रहता है। 

क्रूजियर इस उत्पाद को अपनी खुद की निजी कंपनी के जरिये बाजार में लाने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह छोटे कैप्सूल के रूप में होगा, जो बहुत आसानी से घुल जाएगा। शुक्राणुओं को गर्भ में प्रवेश करने से रोकने की इस प्रक्रिया में बस कुछ ही मिनट लगे। क्रूजियर ने बताया कि यह 100 फीसदी जैविक उत्पाद है और इसके कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं हैं। इन गोलियों का इस्तेमाल सिर्फ गर्भनिरोध के लिए ही नहीं म्यूकस मेमब्रेन के अल्सर और आंत संबंधी अन्य बीमारियों में किया जा सकता है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि झिल्लीदार अवरोध को मजबूत बनाने के लिए विशेषज्ञों ने इसे नमी प्रदान करने और इसकी परत को     चिकना बनाने की कोशिशों में लगे हैं। पूर्व में हुए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने देखा कि इस तरह से अवरोध की प्रक्रिया को मजबूत बनाने से हॉर्मोन वाली गर्भनिरोधक गोलियों की जरूरत ही नहीं रह जाती है। इससे बैक्टीरिया और वायरस को रोका जा सकेगा।

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