अच्छी सेहत रोज चाहे 10,000 कदम, जानें कितनी देर करें वॉक
अमेरिकी सर्जन्स जर्नल में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, पैदल चलना मोटापे, डायबिटीज और कार्डियोवैस्क्युलर संबंधी बीमारियों के खतरे को कम करता है। फिट रहने और बीमारियों से बचे रहने के लिए सप्ताह में कम से...
अमेरिकी सर्जन्स जर्नल में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, पैदल चलना मोटापे, डायबिटीज और कार्डियोवैस्क्युलर संबंधी बीमारियों के खतरे को कम करता है। फिट रहने और बीमारियों से बचे रहने के लिए सप्ताह में कम से कम पांच दिन 10-10 हजार कदम जरूर चलना चाहिए। इसके फायदों के बारे में जानकारी दे रही हैं शमीम खान
चलना व्यायाम के सबसे बेहतरीन रूपों में से एक है, क्योंकि इसे आप बिना पैसा खर्च किए आसानी से कर सकते हैं। चलने से हृदय तेजी से रक्त पंप करने लगता है, मांसपेशियां सक्रिय हो जाती हैं और वसा बर्न होने लगती है। फिट रहने और बीमारियों से बचे रहने के लिए सप्ताह में कम से कम पांच दिन 10,000 कदम जरूर चलना चाहिए। जानें, क्यों जरूरी है वॉक और पैदल चलते हुए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
चलना क्यों है जरूरी
जीवनशैली में बदलाव, खानपान की गलत आदतों और शारीरिक सक्रियता में कमी ने लोगों के लिए बीमारियों का खतरा बढ़ा दिया है। खासकर जिन लोगों का काम पूरे दिन बैठने का होता है, उन्हें स्वास्थ्य समस्याओं का सामना ज्यादा करना पड़ता है। इन समस्याओं में मोटापा, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज और हृदय संबंधी बीमारियां प्रमुख हैं। हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में हुए शोध के अनुसार, तेज चलने के स्वास्थ्य लाभ अत्यधिक हैं, इससे सर्दी से लेकर कैंसर तक की आशंका कम हो जाती है।
चलना कार्डियोवैस्क्युलर सिस्टम (हृदय, फेफड़े और संचरण) को स्टिम्युलेट करता है। यह शरीर के निचले भाग की मांसपेशियों (जिसमें पैरों व कूल्हों की मांसपेशियां शामिल हैं) को मजबूत करता है। एक व्यक्ति दिन में 10,000 कदम चलकर 300-400 कैलोरी बर्न कर सकता है।
चलना दौड़ने से बेहतर वर्कआउट है। इससे जोड़ों पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ता, मांसपेशियों में खिंचाव नहीं आता और न उनमें टूट-फूट होती है। उम्रदराज लोग भी नियमित पैदल चलकर खुद को फिट, सक्रिय और स्वस्थ रख सकते हैं।
कितनी देर वॉक करें
फिटनेस विशेषज्ञों के अनुसार, सप्ताह में पांच बार प्रतिदिन कम से कम दस हजार कदम चलें। तेज गति से इतना चलने में लगभग 75-80 मिनट लग सकता है, तो मध्यम गति से चलने में डेढ़ घंटे से कुछ अधिक लग सकता है। समय की समस्या हो, तो आप इसे तीन भागों में बांट सकते हैं। सुबह 15-20 मिनट ब्रिस्क वॉक करें, दोपहर में खाने के बाद 15 मिनट टहलें और शाम को फिर से 20 मिनट ब्रिस्क वॉक करें। हफ्ते के सातों दिन चलने के बजाय एक या दो दिन शरीर को आराम दें। इससे शरीर को खुद को रिफ्रेश करने का मौका मिलता है।
खाली पेट वॉक करना है बेहतर
खाली पेट वॉक करना बेहतर रहता है। इससे हल्का महसूस होता है। वॉक पर जाने से पहले चाय पी सकते हैं या आधा गिलास जूस ले सकते हैं, लेकिन वजन कम करना हो तो खाने से परहेज करें। वॉक से पहले या पैदल चलते हुए थोड़ा गुनगुना पानी पीना बेहतर है। जिन्हें ज्यादा पसीना आता हो, वे साथ में पानी की बोतल रखें।
अगर फल या कुछ हल्का खाना खाया है तो इसके आधे घंटे बाद ही वॉक पर जाएं। लंच या डिनर के तुरंत बाद ब्रिस्क वॉक न करें, सिर्फ धीरे टहलें। दुबले लोगों को एनर्जी ड्रिंक या ग्लूकोज पीकर वॉक पर जाना चाहिए, इससे उन्हें कमजोरी महसूस नहीं होगी। दरअसल, खाना खाते हुए रक्त का संचार पेट की ओर अधिक होता है। इसलिए अगर खाने के फौरन बाद ब्रिस्क वॉक करेंगे, तो पेट में दर्द हो सकता है। वॉक से लौटकर तुरंत कुछ न खाएं। 15-20 मिनट तक शरीर को कूल होने दें और रक्तसंचार को पूरे शरीर में होने दें।
बचे रह सकते हैं रोगों से
चलते समय शरीर एक्टिव मोड में आ जाता है, जिससे मांसपेशियों को अधिक मात्रा में रक्त और ऑक्सीजन की जरूरत होती है। इसकी पूर्ति के लिए हृदय तेजी से धड़कने लगता है। फेफड़े भी पूरी क्षमता के साथ काम करने लगते हैं और मांसपेशियां अत्यधिक सक्रिय हो जाती हैं। अगर सप्ताह में पांच बार आधे-आधे घंटे के लिए शरीर को एक्टिव मोड में ला सकें, तो न केवल आप स्वस्थ रहेंगे, बल्कि उम्र बढ़ने के साथ रोगों की चपेट में आने की आशंका भी कम हो जाएगी।
कार्डियोवैस्क्युलर सिस्टम रहे दुरुस्त
वॉक करने से रक्तदाब और कोलेस्ट्रॉल स्तर कम हो जाता है, कोरोनरी हार्ट डिजीज की आशंका भी कम हो जाती है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हुए अध्ययन के अनुसार, जो लोग एक सप्ताह में पांच दिन 10-10 हजार कदम पैदल चलते हैं, उनमें हृदय रोगों की आशंका 40 प्रतिशत तक कम होती है। हृदय की धड़कनें तेज होती हैं, जिससे रक्त का संचरण सुधरता है और रक्त नलिकाओं का लचीलापन बरकरार रहता है।
नियमित वॉक से शरीर तेज हार्ट बीट के साथ सामंजस्य बिठाने में सक्षम हो जाता है। इसलिए तनाव या आकस्मिक आघात के समय हार्ट बीट तेज होती है, तो कार्डियोवैस्क्युलर सिस्टम को नकारात्मक रूप से प्रभावित नहीं कर पाती।
रीढ़ रहे स्वस्थ
चलने से स्पाइन की ओर भी रक्त का संचरण तेज होता है, मुलायम उतकों में पोषक तत्व पंप होते हैं और टॉक्सिन बाहर निकलते हैं। इससे स्पाइन का लचीलापन बना रहता है। पॉस्चर सुधरता है और शरीर का संतुलन बेहतर होता है।
डायबिटीज से बचाव
वॉक से रक्त में शुगर का स्तर सामान्य बना रहता है, जिससे इंसुलिन का स्राव कम होता है और डायबिटीज की आशंका कम हो जाती है। वॉक से वजन भी कम होता है, जिससे डायबिटीज का खतरा और कम हो जाता है।
अच्छा रहता है मूड
वॉक से शरीर में फील गुड हार्मोन एंडॉर्फिन का स्राव होता है। इससे मूड ठीक रहता है, नींद अच्छी आती है, तनाव कम होता है और अवसादग्रस्त होने की आशंका कम होती है। जो लोग पहले से ही अवसाद में हैं, उनके लक्षणों में भी कमी आती है।
मजबूत होती हैं हड्डियां
नियमित वॉक करने से हड्डियों का घनत्व बढ़ता है, जिससे वे मजबूत होती हैं। इससे उम्र बढ़ने के साथ होने वाली समस्या ऑस्टियोपोरोसिस और आथ्र्राइटिस की आशंका कम होती है।
वॉक करने से पाचन मार्ग अच्छी तरह से काम करता है। इससे गैस और कब्ज की समस्या नहीं होती। इससे भोजन से पोषक तत्वों को अवशोषित करने में सहायता मिलती है। यह उस समय को भी कम करने में सहायता करता है, जो भोजन बड़ी आंत से गुजरने में लगाता है। इससे शरीर का मेटाबॉलिक रेट बढ़ता है।
सुधरती है फेफड़ों की कार्यप्रणाली
तेज चलने से रक्त के साथ ऑक्सीजन की अधिक मात्रा फेफड़ों से शरीर के दूसरे अंगों में पहुंचती है। इससे फेफड़ों का वर्कआउट होता है, क्योंकि सांस लेने की दर बढ़ जाती है। फेफड़े पूरी क्षमता के साथ कार्य करते हैं। चलने से शरीर में ऊर्जा बढ़ती है और हार्मोन्स का सिक्रीशन बेहतर होता है।
सुरक्षा उपायों पर दें ध्यान
वॉक कोई भी कर सकता है। इसके लिए किसी उपकरण या खास जगह की जरूरत नहीं होती, लेकिन वॉक करते समय कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए-
’ अपने साथ मोबाइल फोन ले जाएं।
’ हेडफोन लगाकर तेज आवाज में संगीत न सुनें, बल्कि सजग और चौकन्ने रहें।
’ अगर अलस्सुबह या रात में वॉक कर रहे हैं, तो चमकीले कपड़े पहनें।
’ सुनसान और अंधेरे स्थानों पर वॉक करने से बचें।
’ सुरक्षा के लिए किसी साथी के साथ वॉक करें।
’ ऐसे स्थानों पर वॉक न करें, जहां गाड़ियों की आवाजाही अधिक हो, क्योंकि इनसे निकलने वाले धुएं से दिल और श्वसन तंत्र संबंधी समस्याएं हो जाती हैं।
’ वॉक करते समय नाक से सांस लें।
’ पार्क में वॉक को प्राथमिकता दें। हरियाली वाले स्थान पर वॉक करने से से तनाव कम होता है और शुद्ध हवा भी मिल जाती है।
’ वॉक शुरू करने से पहले शरीर, खासकर पैरों को स्ट्रेच कर लें।
’ वॉक करने के लिए ऐसे जूते पहनें, जो आरामदायक हों और पंजों को अच्छा सपोर्ट दें, ताकि आपके लिए चलना आसान हो।
’ ढीले कपड़े पहनें, ताकि शरीर में हवा का संचरण ठीक प्रकार से हो।
(एकेडमी ऑफ फैमिली फिजिशियंस ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. रमन कुमार व मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिक्स एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट विभाग के निदेशक
डॉ. रमणीक महाजन से की गई बातचीत पर आधारित)