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Hindi Newsहरियाणा न्यूज़village where celebrations were planned is now filled with mourning condition of Vinesh Phogat in laws

जिस गांव में जश्न की तैयारी थी, अब वहां मातम जैसा माहौल; विनेश फोगाट की ससुराल का हाल

  • राजपाल ने बताया कि बुधवार सुबह से ही गांव में हलचल थी और लोग मुझे पहले ही बधाई देने आ रहे थे। मगर इसी बीच वो खबर आ गई जिसके बारे में दूर-दूर तक भी नहीं सोचा था। ऐसा लगा जैसे किसी ने हजारों वोल्ट का करंट लगा दिया हो।

Himanshu Jha हिन्दुस्तानThu, 8 Aug 2024 01:49 AM
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Vinesh Phogat: 'तीन दिन पहले विनेश फोगाट ने कहा था पापा मैं चैंपियन बनकर लौटूंगी। आप जश्न की तैयारी करना। मगर हमें क्या पता था कि ऐसी मनहूस खबर मिलेगी।' धाकड़ छोरी विनेश के ससुर राजपाल राठी यह कहते हुए भावुक हो गए। जींद के बाख्ताखेड़ा गांव में जहां एक दिन पहले जश्न का माहौल था, बुधवार को वहां मातम जैसा माहौल था।

विनेश की ससुराल का हर व्यक्ति अपनी 'शेरनी बेटी' को चैंपियन बनते देखना चाहता था। राजपाल बताते हैं कि गांववालों ने मंगलवार रात से ही जश्न मनाने की तैयारी कर ली थी। अजेय रही ओलंपिक चैंपियन, यूरोपियन चैंपियन जैसे कद्दावर पहलवानों को पटखनी देने वाली हमारी छोरी से भला स्वर्ण पदक कौन छीन सकता था। सभी को इतिहास बनने की उम्मीद थी। मिठाई का भी इंतजाम हो गया था।

राजपाल ने बताया कि बुधवार सुबह से ही गांव में हलचल थी और लोग मुझे पहले ही बधाई देने आ रहे थे। मगर इसी बीच वो खबर आ गई जिसके बारे में दूर-दूर तक भी नहीं सोचा था। ऐसा लगा जैसे किसी ने हजारों वोल्ट का करंट लगा दिया हो। राजपाल ने कहा, जिस घर में जश्न मनाने की तैयारी चल रही थी वहां अब सन्नाटा पसर गया है। गांव में जुलूस निकालने का भी इंतजाम किया गया था। सब धरा का धरा रह गया।

राजपाल कहते हैं, पूरा गांव बेहद मायूस है। मिठाई भी जश्न की बाट जोहती रह गई। किसी को भी विश्वास नहीं हो रहा कि विनेश के गले में आया हुआ पदक उनसे दूर हो गया। मगर गांववासी अब भी मानते हैं विनेश चैंपियन हैं और चैंपियन ही रहेंगी। उन्होंने सेमीफाइनल तक जिस तरह से एकतरफा जीत दर्ज की वह बेमिसाल है।

राजपाल ने रुंधे गले से कहा, अयोग्य होने में विनेश का क्या दोष है। वह तो बचपन से ओलंपिक पदक का सपना देख रही थी। 12 साल की कड़ी मेहनत और न जाने क्या-क्या सहकर उसके करीब पहुंची भी पर किस्मत ने फिर दगा दे दिया। उसने लगातार तीन मुकाबले जीते। अजेय और चार बार की विश्व चैंपियन को पटककर फाइनल में पहुंची। यह सब तो तय नियमों के तहत ही हुआ। तब तो उसका 100 या 50 ग्राम कम या ज्यादा नहीं था। माना आज अयोग्य हो गई। वजन ज्यादा तो फाइनल से पहले हुआ। रजत नहीं तो उसे कांस्य तो मिलना चाहिए। उसके साथ अन्याय क्यों है।

सोशल मीडिया से जानकारी मिली
राजपाल का कहना है कि हमारी विनेश या बेटे सोमवीर राठी से कोई बात नहीं हुई है। विनेश कैसी है। हमें नहीं पता। हमें उनके बारे में जो भी जानकारी मिल रही है वह सोशल मीडिया और टीवी से ही मिल रही है। भारतीय कुश्ती महासंघ की ओर से हमें कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। हमारी तीन दिन पहले विनेश से बात हुई थी। उसके बाद कोई बात नहीं हुई। मंगलवार को फाइनल में पहुंचने के बाद भी कोई संपर्क नहीं हुआ।

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