Holding namaz as show of strength wrong says Haryana CM manohar lal Khattar amid gurugram dispute ताकत दिखाने के लिए खुले में नमाज पढ़ना गलत, बोले हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, Haryana Hindi News - Hindustan
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ताकत दिखाने के लिए खुले में नमाज पढ़ना गलत, बोले हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में कहा कि किसी भी समुदाय के किसी भी सदस्य को सार्वजनिक स्थान पर धार्मिक प्रार्थना नहीं करनी चाहिये। उनका यह बयान गुरुग्राम में...

priyanka भाषा, चंडीगढ़Wed, 22 Dec 2021 06:07 AM
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ताकत दिखाने के लिए खुले में नमाज पढ़ना गलत, बोले हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में कहा कि किसी भी समुदाय के किसी भी सदस्य को सार्वजनिक स्थान पर धार्मिक प्रार्थना नहीं करनी चाहिये। उनका यह बयान गुरुग्राम में खुले में जुमे की नमाज को लेकर कुछ हिंदूवादी संगठनों के विरोध की पृष्ठभूमि में आया है। 

विधानसभा में शून्यकाल के दौरान नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने हिंदू संगठनों द्वारा की जा रही आपत्ति का मुद्दा उठाया। इसका जवाब देते हुए खट्टर ने कहा कि सभी धर्मों के लोग निर्धारित धार्मिक स्थानों जैसे मंदिर,मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च में प्रार्थना करते हैं और सभी बड़े त्योहारों तथा कार्यक्रमों के लिये खुले में अनुमति दी जाती है।अहमद द्वारा उठाए मुद्दे पर खट्टर ने कहा,'' लेकिन ताकत दिखाना, जिससे दूसरे समुदाय की भावना भड़कती है, वह उचित नहीं हैं।''

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार से हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ है और यह दूसरी बार है जब इस मुद्दे को उठाया गया है। मुख्य विपक्षी पार्टी के सदस्य ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा, ''कुछ तत्व लगातार जुमे की नमाज को बाधित कर रहे हैं। संविधान ने सभी को अपने धर्म के पालन की अनुमति दी है। किसी को भी प्रार्थना बाधित करने का अधिकार नहीं है। गुरुग्राम में हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया गया है और शहर विकास का प्रतीक है। अगर कोई अपनी इच्छा से प्रार्थना नहीं कर पाएगा को क्या संदेश जाएगा?''  

इसपर हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा,''किसी भी समुदाय के सदस्य को खुले स्थान पर ऐसे कार्यक्रम नहीं करने चाहिए। अगर वे करना चाहते हैं तो मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च में कर सकते हैं। यह सभी की जिम्मेदारी है कि शांतिपूर्ण माहौल कायम रहे और समाज में कोई टकराव न हो।''

उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि लोग कुछ स्थानों (गुरुग्राम) पर जुमे की नमाज के लिए सहमत हुए हैं और नयी व्यवस्था होने तक इसपर सहमति है। खट्टर ने कहा, ''लेकिन जब कुछ लोग ऐसे स्थानों के बाहर खुले में प्रार्थना करते हैं तो टकराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। यह स्थानीय मुद्दा है और ऐसा मुद्दा नहीं है, जिसे हवा देनी चाहिए क्योंकि इससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है।''

 मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी धर्मों के वार्षिक कार्यक्रम चाहे दशहरा, रामलीला, उर्स आदि का आयोजन अनुमति से खुले में होता है। उन्होंने कहा, ''लेकिन दैनिक और साप्ताहिक (प्रार्थना) नहीं, उसके लिए निर्धारित स्थान है। जहां पर खुले स्थान पर प्रार्थना को लेकर विवाद हो,  तो उसका समाधान आम सहमति से किया जाना चाहिए।''

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