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हरियाणा में प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं किसान? NH-44 पर भारी बवाल के बाद अंबाला-यमुनानगर हाईवे किया जाम

किसानों ने मंगलवार दोपहर कुरुक्षेत्र के शाहबाद के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। किसान मांग कर रहे हैं कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सूरजमुखी बीज की खरीद करे।

हरियाणा में प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं किसान? NH-44 पर भारी बवाल के बाद अंबाला-यमुनानगर हाईवे किया जाम
Amit Kumarलाइव हिन्दुस्तान,कुरुक्षेत्रTue, 06 Jun 2023 08:52 PM
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हरियाणा में बड़ी संख्या में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कुरुक्षेत्र में पुलिस कार्रवाई के विरोध में किसानों ने कैल गांव के पास अंबाला-यमुनानगर हाईवे को जाम कर दिया है। इससे पहले उन्होंने मंगलवार को राष्ट्रीय राजमार्ग 44 (NH-44) जाम कर दिया था। प्रदर्शनकारियों द्वारा राजमार्ग जाम किए जाने के बाद पुलिस को यातायात को अन्य मार्गों और संपर्क मार्गों के लिए मोड़ना पड़ा। 

पुलिस ने मंगलवार को कुरुक्षेत्र के शाहबाद के पास एनएच 44 को खोलने के लिए किसानों पर लाठी चार्ज भी किया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को वाटर कैनन और लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। कार्रवाई में बड़ी संख्या में किसानों को हिरासत में लिया गया है। हालात का जायजा लेने के लिए आईजी अंबाला रेंज सिबाश कबीराज शाहबाद पहुंचे हैं। कबीराज द्वारा अधिकारियों से रोड खाली कराने के लिए कहने के बाद बाद में एनएच 44 पर यातायात बहाल कर दिया गया। 

क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं किसान? 

बड़ी संख्या में किसानों ने मंगलवार दोपहर कुरुक्षेत्र के शाहबाद के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। किसान मांग कर रहे हैं कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सूरजमुखी बीज की खरीद करे। बीकेयू (चारुनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चारुनी के आह्वान पर किसानों ने शाहबाद के पास दिल्ली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया।

"एमएसपी पर सूरजमुखी बीज नहीं खरीद रही सरकार"

प्रदर्शनकारी किसानों ने दावा किया कि सरकार एमएसपी पर सूरजमुखी बीज नहीं खरीद रही है, और इसके चलते उन्हें अपनी उपज निजी खरीदारों को 6,400 रुपये एमएसपी के मुकाबले लगभग 4,000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। चारूनी ने कहा कि सरकार को सूरजमुखी बीजों की खरीद 6,400 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करनी चाहिए। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उन्होंने सरकार को सोमवार तक का समय दिया था, लेकिन उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया गया।

चारुनी ने धरना स्थल पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब तक सरकार हमारी मांग नहीं मानती, हमारा विरोध जारी रहेगा।’’ प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे भावांतर भरपाई योजना में सूरजमुखी के बीज को शामिल करने के सरकार के कदम के खिलाफ हैं। इसके तहत सरकार एमएसपी से नीचे बेची गई उपज के लिए 1,000 रुपये प्रति क्विंटल का निश्चित मुआवजा देगी। उन्होंने मांग की कि सूरजमुखी के बीज की एमएसपी पर खरीद की जाए।

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