भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए नाक का सवाल बनी आदमपुर सीट, बेटे को लॉन्च कर सकते हैं कुलदीप बिश्नोई
हरियाणा की आदमपुर सीट से विधायक रहे कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफे के बाद जल्द उपचुनाव भी हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि कुलदीप बिश्नोई अपने बेटे भव्य को विधानसभा चुनाव में उतार सकते हैं।

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हरियाणा की आदमपुर विधानसभा सीट से कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफे के बाद यह सीट कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए भी नाक का सवाल बन गई है। अभी इस सीट पर उप चुनाव का ऐलान तो नहीं हुआ है लेकिन राजनीतिक दलों ने यहां अपना दम-खम दिखाना शुरू कर दिया है। वहीं बताया जा रहा हैकि कुलदीप बिश्नोई अब राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखना चाहते हैं और अपने बेटे को विधानसभा सीट पर उतारना चाहते हैं। बता दें कि यह सीट पिछले 55 साल से बिश्नोई के परिवार के ही कब्जे में है। लेकिन इस बार यह कांग्रेस और भूपेंद्र सिंह हुड्डा दोनों के लिए लिटमस टेस्ट साबित हो सकती है।
हुड्डा से ही मतभेद की वजह से बिश्नोई ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। अब वह और उनकी पत्नी दोनों आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में गुरुवार से जनसभाएं करने जा रहे हैं। उनका बेटा भव्य इस सीट से विधानसभा का उपचुनाव लड़ सकता है। सूत्रों का कहना हैकि भव्य अभी अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन उपचुनाव से पहले वह भारत लौट आएंगे। वहीं सूत्रों का यह भी कहना है कि बिश्नोई राजस्थान जाकर अपने समुदाय के लोगों में भाजपा का प्रचार करेंगे। राजस्थान में भी अगले साल विधानसभा का चुनाव होने वाला है। राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि बिश्नोई 2024 में हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं।
कांग्रेस ने लगाया जोर
जब से हरियाणा में कांग्रेस की पुरी कमान हुड्डा के हाथ में आई है, यह पहला चुनाव होगा। कांग्रेस ने यहां अपना जोर लगाना शुरू कर दिया है। 14 अगस्त को राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा यहां पहुंचे थे और आदमपुर के तीन गांवों में पैदल यात्रा की थी। यह आजादी गौरव यात्रा का हिस्सा थी।
पूर्व केंद्री मंत्री जय प्रकाश, पूर्व मंत्री और 6 बार के विधायक संपत सिंह और पूर्व विधायक राम निवास घोरेला भी इस यात्रा में शामिल हुए ते। जब से बिश्नोई ने पाला बदला है तब से ही जय प्रकाश विधानसभा क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं। बता दें कि जून में हुए राज्यसभा चुनाव में बिश्नोई ने पार्टी के उम्मीदवार अजय माकन की जगह निर्दलीय उम्मीदवार को वोट दिया था।
बता दें कि आदमपुर सीट पर जाटों का वर्चस्व है। वहीं बिश्नोई गैरजाट समुदायों को भी जोड़ने की कोशिश करते हैं। गोरेला को विधानसभा सीट पर ऐक्टिव करने का मतलब गैरजाट वोट को इकट्ठा करना हो सकता है। घोरेला 2009 में बरवाला से विधायक रह चुके हैं।