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रोहतक लोकसभा सीट : 2014 में मोदी लहर को मात देकर जीते थे दीपेंद्र हुड्डा

हरियाणा की रोहतक लोकसभा सीट कांग्रेस के लिए बेहद खास है। जाट बहुल इस सीट पर अधिकतर समय कांग्रेस का ही कब्जा रहा है। रोहतक लोकसभा सीट के अंतर्गत नौ विधानसभा सीटें आती हैं जिनमें- रोहतक,...

रोहतक लोकसभा सीट : 2014 में मोदी लहर को मात देकर जीते थे दीपेंद्र हुड्डा
नई दिल्ली | लाइव हिन्दुस्तान टीम Sat, 16 Mar 2019 07:30 PM
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हरियाणा की रोहतक लोकसभा सीट कांग्रेस के लिए बेहद खास है। जाट बहुल इस सीट पर अधिकतर समय कांग्रेस का ही कब्जा रहा है। रोहतक लोकसभा सीट के अंतर्गत नौ विधानसभा सीटें आती हैं जिनमें- रोहतक, बहादुरगढ़, बादली, झज्जर, गढ़ी-सांपला-किलोई, महम, कलानौर, बेरी और कोशली है।

2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद रोहतक लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी को 1 लाख 70 हजार से ज्यादा वोटों से हराकर यहां कांग्रेस का झंडा बुलंद किया था। इससे पहले 2009 के लोकसभा चुनाव में भी दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने इनेलो के प्रत्याशी नफे सिंह राठी को करीब चाढ़े चार लाख वोटों से हराया था। दीपेंद्र के दादा रणबीर सिंह हुड्डा एक स्वतंत्रता सेनानी थे। आजादी के बाद वह तत्कालीन पंजाब सरकार में मंत्री भी रहे। दीपेंद्र के पिता भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी हरियाणा की सांपला सीट से चुनाव जीतकर 2 बार मुख्यमंत्री बन चुके हैं। 

कांग्रेस को आम आदमी पार्टी से गठबंधन की जरूरत नहीं : भूपेंद्र हुड्डा

भाजपा को जनसंघ के बैनर तले सिर्फ दो बार ही 1962 और 1971 में यहां से जीत हासिल हुई थी। उसके बाद से रोहतक सीट जीतने की भाजपा की तमाम कोशिशें विफल रही हैं। हालांकि, 1999 चुनाव में हुए भाजपा और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के गठबंधन के बाद इनेलो प्रत्याशी कैप्टन इंदर सिंह यहां से जीतने में कामयाब रहे थे। उसके बाद रोहतक सीट कांग्रेस के ही कब्जे में रही है।

जातिगत समीकरण : जाट बहुल क्षेत्र

वर्तमान सांसद : दीपेंद्र सिंह हुड्डा  (Congress)

प्रतिद्वद्वी और पार्टी : ओम प्रकाश धनखड़ (BJP)

2014 में कांग्रेस को मिले वोट :  4,90,063 

2014 में भाजपा को मिले वोट :  3,19,436

2014 चुनाव में जीत का अंतर :  1,70,627

नोटा दबाने वालों की संख्या : 4932

चुनाव हारने के बावजूद बंशीलाल की सरकार में मंत्री बने थे सिंगला

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