हरियाणा : BSP ने इनेलो से रिश्ता तोड़ LSP के साथ किया गठजोड़, जानें वजह
मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने शनिवार को हरियाणा के मुख्य विपक्षी दल इनेलो के साथ अपने लगभग नौ महीने पुराने रिश्तों को खत्म करते हुए भाजपा के बागी सांसद राजकुमार सैनी की अगुवाई वाली लोकतंत्र...
मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने शनिवार को हरियाणा के मुख्य विपक्षी दल इनेलो के साथ अपने लगभग नौ महीने पुराने रिश्तों को खत्म करते हुए भाजपा के बागी सांसद राजकुमार सैनी की अगुवाई वाली लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी (एलएसपी) के साथ गठबंधन करने का एलान किया है।
चौटाला परिवार में चल रहे पारिवारिक विवाद के बीच यह घटनाक्रम ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाले इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की जींद उपचुनावों में हुई अपमानजनक हार के बाद सामने आया है, जहां इनेलो प्रत्याशी उम्मेद सिंह रेढू की जमानत तक जब्त हो गई थी।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, बीएसपी के हरियाणा प्रभारी मेघराज ने संवाददाताओं से कहा कि बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के निर्देश पर, बसपा ने आज इनेलो के साथ गठबंधन खत्म कर लोकतांत्रिक सुरक्षा पार्टी (एलएसपी) के साथ गठबंधन कर लिया है। नई गठबंधन के बाद बीएसपी और एलएसपी आगामी लोकसभा चुनाव और हरियाणा विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ेंगे।
मेघराज ने कहा कि हरियाणा में बीएसपी 8 और एलएसपी 2 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने आगे कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान उनकी पार्टी 35 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और एलएसपी 55 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
ज्ञात हो कि बीएसपी ने शुक्रवार को ही संकेत दे दिया था कि वह जल्द ही इनेलो के साथ अपने गठबंधन को बंद कर सकती है।
अजय चौटाला ने बेटों के साथ बनाई अलग पार्टी
चौटाला परिवार में पारिवारिक झगड़े के बाद पिछले साल अजय चौटाला ने अपने दोनों बेटों दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला ने साथ मिलकर एक अलग जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) बना ली थी।
जींद उपचुनाव में एलएसपी प्रत्याशी का प्रदर्शन रहा बेहतर
वहीं, कुरुक्षेत्र से भाजपा के बागी सांसद सैनी ने पिछले साल लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी बनाई थी और उनके उम्मीदवार ने जींद उपचुनाव में इनेलो के रेढू के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया था। वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा ने जींद उपचुनाव में जीत दर्ज की जबकि जननायक जनता पार्टी के दिग्विजय सिंह चौटाला दूसरे नंबर पर रहे।
गौरतलब है कि इनेलो और बसपा ने पिछले साल अप्रैल में गठबंधन किया था जिसे सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस दोनों ने 'सुविधा का विवाह' बताया था। गठबंधन करने के बाद दोनों दलों ने 2019 का लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ने की घोषणा की थी।