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Hindi News हरियाणाअग्निपथ विवाद के चलते हरियाणा के 2 जिलों में कोचिंग सेंटर बंद, अगले आदेश तक लगी धारा 144

अग्निपथ विवाद के चलते हरियाणा के 2 जिलों में कोचिंग सेंटर बंद, अगले आदेश तक लगी धारा 144

'अग्निपथ' की आग अभी थमती नहीं दिख रही है। हरियाणा सरकार ने अग्निपथ भर्ती योजना के विरोध में सोमवार को महेंद्रगढ़ और झज्जर जिलों में सभी निजी कोचिंग संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया है।

अग्निपथ विवाद के चलते हरियाणा के 2 जिलों में कोचिंग सेंटर बंद, अगले आदेश तक लगी धारा 144
Praveen Sharmaचंडीगढ़ | हिन्दुस्तान टाइम्स डॉट कामMon, 20 Jun 2022 06:56 PM

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'अग्निपथ' की आग अभी थमती नहीं दिख रही है। हरियाणा सरकार ने अग्निपथ भर्ती योजना (Agnipath Scheme) के विरोध को देखते हुए सोमवार को महेंद्रगढ़ और झज्जर जिलों में सभी निजी कोचिंग संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही झज्जर के उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह ने अगले आदेश तक सभी निजी कोचिंग सेंटरों, एकेडमियों को बंद करने के आदेश देते हुए जिले में धारा 144 लागू कर दी है।

अग्निपथ योजना के खिलाफ शुक्रवार को हरियाणा के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने सोनीपत में रोहतक-पानीपत राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया था और कैथल, फतेहाबाद और जींद में भी विरोध प्रदर्शन किए थे। महेंद्रगढ़ पिछले कुछ दिनों से सेना भर्ती योजना के खिलाफ जारी तीव्र विरोध का गवाह रहा है। शनिवार को एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि महेंद्रगढ़ में कुछ युवकों ने पिकअप वैन में आग लगा दी और जमकर तोड़फोड़ की थी।

एक रेलवे इंजीनियर जिनका आवासीय क्वार्टर महेंद्रगढ़ रेलवे स्टेशन से सटा हुआ है, उन्होंने दावा किया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने जबरन उनके भवन परिसर में प्रवेश किया और कार्यालय और जनरेटर सेट को क्षतिग्रस्त कर दिया।

अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने एक शोरूम के शीशे भी तोड़ दिए और कुछ वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने शुक्रवार को हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी।

केंद्र सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि अग्निपथ योजना को वापस नहीं लिया जाएगा। सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने रविवार को पूछा था कि इस योजना को वापस क्यों वापस लिया जाना चाहिए? सशस्त्र बलों को युवा बनाने की दिशा में यह एकमात्र प्रगतिशील कदम है। यह देश की रक्षा का सवाल है। 

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