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चाय पी रहे थे तभी आया फोन, ASI संदीप की 'सुसाइड' से पहले क्या हुआ? 'फाइनल नोट' की गुत्थी उलझी

संक्षेप: संदीप और पूरन कुमार की कथित आत्महत्याओं में कई समानताएं हैं। दोनों ने फाइनल नोट शीर्षक से सुसाइड नोट छोड़ा, दोनों की मौत सिर में गोली लगने से हुई, और दोनों मामलों में कोई चश्मदीद गवाह नहीं है।

Thu, 16 Oct 2025 06:34 AMAmit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, रोहतक
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चाय पी रहे थे तभी आया फोन, ASI संदीप की 'सुसाइड' से पहले क्या हुआ? 'फाइनल नोट' की गुत्थी उलझी

मंगलवार को रोहतक में हरियाणा पुलिस के एएसआई संदीप कुमार लाठर ने कथित रूप से खुद को गोली मार ली। पुलिस के अनुसार, घटना से कुछ घंटे पहले वह अपने दोस्तों से रोज की तरह बाईपास के पास एक चाय की दुकान पर मिले थे, लेकिन उस दिन “कुछ अलग था”- वह परेशान और विचलित लग रहे थे। चाय के दौरान उन्हें एक फोन कॉल आया, जिसके बाद उन्होंने कहा कि वह अपने ऑफिस लौट रहे हैं। कुछ ही देर बाद खबर आई कि उन्होंने खुद को गोली मार ली है।

संदीप का शव उनके मामा के खेत में स्थित घर में खून से लथपथ मिला। उनके पास से 6 मिनट 28 सेकंड का एक वीडियो और चार पन्नों का हाथ से लिखा “फाइनल नोट” बरामद हुआ है, जिसमें उन्होंने दिवंगत आईजीपी वाई पूरन कुमार पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।

“वह झूठ बोल गया, ऑफिस नहीं गया था”- दोस्त संजय देशवाल

संदीप के दोस्त संजय देशवाल ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया, “हम हर दिन उसी चाय की दुकान पर मिलते थे। मंगलवार सुबह 11 बजे उसने फोन कर कहा, ‘चलो चाय पर मिलते हैं।’ हम चार-पांच दोस्त पहुंचे। बातचीत का विषय आईजीपी पूरन कुमार की मौत थी। संदीप इस मामले से बहुत विचलित लग रहा था। कुछ देर बाद उसे एक कॉल आया और उसने कहा कि वह ऑफिस जा रहा है, लेकिन वह झूठ बोल गया। एक घंटे में पता चला कि वह नहीं रहा।” देशवाल ने बताया कि “थोड़ी देर बाद खेत में काम करने वाले एक मजदूर का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह कह रहा था कि उसने एक शव देखा है, जिसके सिर में गोली लगी है।”

साइबर सेल में कुछ नहीं था असामान्य

रोहतक साइबर सेल के सहकर्मियों ने बताया कि मंगलवार सुबह 9 बजे संदीप ने रोज की तरह ड्यूटी जॉइन की थी। वह पिछले एक साल से साइबर सेल में तैनात थे और अपने मामा के गांव लाढौत में पत्नी और तीन बच्चों के साथ रह रहे थे। एक सहकर्मी ने कहा, “वह पूरे हफ्ते हंसमुख और मेहनती रहे। कोई तनाव नजर नहीं आया।”

परिवार का विरोध, फिर पोस्टमार्टम को राजी

संदीप के परिवार ने पहले उनका शव लेने से इंकार कर दिया और जांच की मांग पर अड़े रहे। शव को रेफ्रिजरेटेड कॉफिन में रखा गया। बाद में पुलिस और वरिष्ठ अधिकारियों के आश्वासन के बाद बुधवार रात परिवार ने पोस्टमार्टम के लिए सहमति दी। शव को रोहतक पीजीआईएमएस ले जाया गया। पुलिस ने उनके सुसाइड नोट के आधार पर आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में मामला दर्ज किया है।

आईजीपी पूरन कुमार की मौत से जुड़ी कड़ी

गौरतलब है कि 7 अक्टूबर को आईजीपी वाई पूरन कुमार ने भी सिर में गोली मारकर आत्महत्या की थी। दोनों मामलों में कई समानताएं हैं - “फाइनल नोट” नामक सुसाइड लेटर, सिर में गोली का निशान और कोई चश्मदीद नहीं। पूरन कुमार के नोट में डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया समेत नौ आईपीएस अधिकारियों पर आरोप लगाए गए थे। वहीं संदीप के पत्र में पूरन कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं और उन्होंने कपूर व बिजारणिया का बचाव किया है।

जांच में नए सुराग

रिपोर्ट के अनुसार, चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी ने पूरन कुमार के पीएसओ सुशील कुमार से पूछताछ की है, जो फिलहाल सुनारिया जेल में बंद है।

पुलिस सूत्रों ने बताया, “6 अक्टूबर को सुशील कुमार को गिरफ्तार किया गया, 7 अक्टूबर को पूरन कुमार ने आत्महत्या की, 12 अक्टूबर को एसआईटी ने सुशील से पूछताछ की और अगले ही दिन संदीप की मौत हो गई। सभी पहलुओं की जांच चल रही है।”

“मामला परेशान कर रहा था”

संदीप के दोस्त देशवाल ने बताया कि “शनिवार शाम को ही उसने मुझे फोन किया था कि पूरन कुमार की मौत का असली कारण कुछ और है, लेकिन मीडिया में गलत तरह से पेश किया जा रहा है। रविवार रात भी उसने ड्यूटी के दौरान मुझसे मुलाकात की थी और वही बात दोहराई।”

राजनीतिक हलचल और न्याय की मांग

लाढौत गांव में संदीप के घर पर बुधवार को राजनीतिक हलचल रही। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, मंत्री कृष्ण लाल पंवार, महिपाल ढांडा, विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और आईएनएलडी नेता अभय चौटाला सभी परिवार से मिलने पहुंचे। सीएम सैनी ने आश्वासन दिया कि “न्याय अवश्य मिलेगा”, जबकि अभय चौटाला ने मांग की कि जांच “सिटिंग हाई कोर्ट जज की निगरानी में कराई जाए।” फिलहाल पुलिस ने पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी कर ली है और जांच जारी है। संदीप का वीडियो और सुसाइड नोट डिजिटल साक्ष्य के रूप में जब्त किए गए हैं। हरियाणा पुलिस के अनुसार, “सच सामने लाया जाएगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”

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लेखक के बारे में

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अमित कुमार एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में नौ वर्षों से अधिक का अनुभव है। वर्तमान में वह लाइव हिन्दुस्तान में डिप्टी चीफ कंटेंट प्रोड्यूसर के रूप में कार्यरत हैं। हिन्दुस्तान डिजिटल के साथ जुड़ने से पहले अमित ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम किया है। अमित ने अपने करियर की शुरुआत अमर उजाला (डिजिटल) से की। इसके अलावा उन्होंने वन इंडिया, इंडिया टीवी और जी न्यूज जैसे मीडिया हाउस में काम किया है, जहां उन्होंने न्यूज रिपोर्टिंग व कंटेंट क्रिएशन में अपनी स्किल्स को निखारा। अमित ने भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC), दिल्ली से हिंदी जर्नलिज्म में पीजी डिप्लोमा और गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी, हिसार से मास कम्युनिकेशन में मास्टर (MA) किया है। अपने पूरे करियर के दौरान, अमित ने डिजिटल मीडिया में विभिन्न बीट्स पर काम किया है। अमित की एक्सपर्टीज पॉलिटिक्स, इंटरनेशनल, स्पोर्ट्स जर्नलिज्म, इंटरनेट रिपोर्टिंग और मल्टीमीडिया स्टोरीटेलिंग सहित विभिन्न क्षेत्रों में फैली हुई है। अमित नई मीडिया तकनीकों और पत्रकारिता पर उनके प्रभाव को लेकर काफी जुनूनी हैं। और पढ़ें

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