भारत में कहां है सुनीता विलियम्स का गांव, 9 महीने तक अखंड ज्योति जलाए बैठे रहे लोग
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 9 महीने रहने के बाद भारतीय मूल की अमेरिकी वैज्ञानिक सुनीता विलियम्स धरती पर लौट आई हैं। तय कार्यक्रम के मुताबिक बुधवार तड़के फ्लोरिडा तट पर उनकी सुरक्षित लैंडिंग हुई।

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 9 महीने रहने के बाद भारतीय मूल की अमेरिकी वैज्ञानिक सुनीता विलियम्स धरती पर लौट आई हैं। तय कार्यक्रम के मुताबिक बुधवार तड़के फ्लोरिडा तट पर उनकी सुरक्षित लैंडिंग हुई। सुनीता विलियम्स की धरती पर सुरक्षित वापसी से भारत में भी जश्न का माहौल है, विशेषकर सुनीता के पैतृक गांव में तो होली-दिवाली एक साथ मना गई है।
सुनीता विलियम्स का पैतृक गांव गुजरात के मेहसाणा जिले में है। यहां के झूलासण गांव से ही सुनीता के पिता अमेरिका गए थे। सुनीता के पिता दीपक पांड्या इसी गांव से 1957 में अमेरिका गए थे। सुनीता के कई रिश्तेदार और परिवार के लोग झूलासण में रहते हैं। 2006 और 2013 में सुनीता विलियम्स खुद भी यहां आ चुकी हैं।
गांव वाले विलियम्स की धरती पर सुरक्षित वापसी के लिए के लिए 9 महीने तक 'अखंड ज्योति' जलाकर प्रार्थना करते रहे। इसे तभी प्रज्ज्वलित किया गया था जब सुनीता अंतरिक्ष में गई थीं। सुनीता की वापसी के के बाद गांव में जमकर आतिशीबाजी की गई तो लोगों ने एक दूसरे को गुलाल भी लगाए। ढोल बजाकर लोग खूब नाचे। विलियम्स के चचेरे भाई नवीन पांड्या के अनुसार, विलियम्स के सम्मान में एक भव्य जुलूस निकालने की भी तैयारी की गई है।
पांड्या ने कहा कि गांव में उत्सव का माहौल है और हर कोई उनकी वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। हम भविष्य में उन्हें झूलासण आने के लिए जरूर आमंत्रित करेंगे। उनका अपने पैतृक गांव में हमारे बीच होना हमारे लिए सम्मान की बात होगी।' विलियम्स, अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर के साथ, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर नौ महीने से अधिक समय बिताने के बाद पृथ्वी पर लौटी हैं।
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