मां-बाप से परेशान होकर सूरत में 10 घंटे इधर-उधर भटकती रही नाबालिग, 200 पुलिसकर्मियों की मदद से पूरी हुई खोज
पांडेसरा के जलरामनगर से लापता हुई 7 साल की बच्ची 17 घंटे बाद पुलिस को परवत पाटिया से मिल गई है। जिसके बाद से पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली। बच्ची को तलाशने में 200 से ज्यादा पुलिसकर्मी लगे हुए थे।...
पांडेसरा के जलरामनगर से लापता हुई 7 साल की बच्ची 17 घंटे बाद पुलिस को परवत पाटिया से मिल गई है। जिसके बाद से पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली। बच्ची को तलाशने में 200 से ज्यादा पुलिसकर्मी लगे हुए थे। पांडेसरा थाने के इंस्पेक्टर अल्पेश चैधरी के अनुसर बच्ची अकेले ही पांडेसरा से वेसू तक पैदल आई और बीआरटीएस बस में बैठकर परवत पाटिया चली गई। बस से उतरने के बाद पहले जहां रहती थी वहां पहुंच गई। नाबालिग पड़ोस में रहने वाली अपनी सहेली से मिलने गई थी।
नहीं रहना चाहती मां-बाप के साथ
नाबालिग ने पुलिस को बताया कि उसके माता-पिता परेशान करते हैं, इसलिए वह उनके साथ नहीं रहना चाहती है। ऐसे में पुलिस बच्ची को चाइल्ड होम भेजने पर विचार कर रही है। लेकिन इससे पहले पुलिस महाराष्ट्र में रहने वाली उसकी सगी मां से संपर्क कर रही है, अगर वह बच्ची को अपने साथ ले जाती है तो यह अच्छा होगा।
गुब्बारा बेचने वाली महिला से पूछताछ में ये आया सामने
घर से निकलने के बाद बच्ची करीब 10 किलोमीटर पैदल चलकर वेसू में सफल स्क्वायर के पास पहुंच गई। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जब गुब्बारा बेचने वाली महिला से पूछताछ की तो उसने बताया कि बच्ची उसके घर आई थी। दोपहर में मेरे बेटे ने उसे 15 रुपए देकर परवत पाटिया का टिकट लिया और बीआरटीएस बस में बैठाया था।
हाथ-पैर बांधकर पीटते थे मां-बाप
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में नाबालिग को दौड़ते हुए देखा तो संदेह के बाद बच्ची से भागने का कारण पूछा, जिस पर बच्ची ने बताया कि वह डर कर भाग रही है। उसने बताया कि उसके मां-बाप हाथ-पैर बांधकर उसे पीटते थे।
नाबालिग के गायब होते ही हरकत में आ गए 200 पुलिसकर्मी
नाबालिग के गायब होने के बाद से पुलिस हरकत में आ गई। पुलिस आयुक्त भी मौके पर पहुंचे थे। नाबालिग को खोजने के लिए 200 से अधिक पुलिसकर्मियों को लगाया गया था।