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सूरत में छात्रों के भविष्य से खिलवाड़, 4000 फॉर्म भरवाकर सिर्फ 400 को ही दिया जा रहा प्रवेश

गुजरात में लगभग 3600 छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होने का एक अनोखा मामला सामने आया है। जिसमें महानगर पालिका संचालित शिक्षा समिति की दो स्कूलों में प्रवेश को लेकर अभिभावकों की शिकायत सामने आई है।...

सूरत में छात्रों के भविष्य से खिलवाड़, 4000 फॉर्म भरवाकर सिर्फ 400 को ही दिया जा रहा प्रवेश
The Pebble,सूरत।Thu, 27 Aug 2020 01:42 PM
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गुजरात में लगभग 3600 छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होने का एक अनोखा मामला सामने आया है। जिसमें महानगर पालिका संचालित शिक्षा समिति की दो स्कूलों में प्रवेश को लेकर अभिभावकों की शिकायत सामने आई है। शिकायत करते हुए अभिभावकों का आरोप है कि समिति के बेहतर शिक्षा के दावे पर उन्होंने अपने बच्चों का नाम निजी स्कूलों से कटवाकर समिति के स्कूल में प्रवेश के लिए फॉर्म भरवाया था, लेकिन अब उनके बच्चों को स्कूल में प्रवेश ही नहीं दिया जा रहा है। ऐसे लगभग 3600 छात्रों को भविष्य अधर में हैं अब वो प्रवेश के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। निजी स्कूलों से नाम कटवाने वाले छात्रों की हालत तो और खराब है।

ज्ञातव्य है कि शिक्षा समिति ने पूणा और वराछा में दो नए स्कूल बनाए हैं। शिक्षा समिति ने पूणा में गुजराती माध्यम के लिए पहली से आठवीं तक नया सरकारी स्कूल बनाया है। इसी स्कूल में प्रवेश लेने के लिए छात्रों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। आरोप है कि समिति बड़े-बड़े दावे करके हजारों छात्रों से फाॅर्म भरवाने के बाद अब लकी ड्रॉ से प्रवेश दे रही है। ऐसे में विपक्षी सदस्यों ने समिति के अधिकारियों पर गरीब छात्रों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। 

इसके अलावा वराछा में बने नए सरकारी स्कूल की स्थिति भी कुछ ऐसी ही बताई जा रही है। समिति पर आरटीई एक्ट का उल्लंघन और छात्रों की पढ़ाई से खिलवाड़ करने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। 

निजी स्कूलों की भारी फीस नहीं दे पा रहे थे अभिभावक
कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में कारोबार-रोजगार बंद होने से लोगों की आर्थिक स्थिति बिगड़ी हुई है। अभिभावक निजी स्कूलों की भारी-भरकम फीस नहीं भर पा रहे थे। इसी वजह से बच्चों का नाम निजी स्कूल से कटवाकर सरकारी स्कूल में पढ़ाने के लिए आवेदन फॉर्म भरे थे। 

4000 से अधिक फॉर्म जमा, सीटें निकली 400
पूणा के सरकारी स्कूल में 4000 से अधिक फॉर्म जमा हुए थे। लेकिन अब पता चल रहा है कि इसमें केवल 400 ही सीटें हैं। ऐसे में अब निजी स्कूलों से नाम कटवाने वाले 3600 छात्र प्रवेश के लिए कहां जाएंगे? जिसके कारण उनका भविष्य अधर में है। समिति के रवैए से अभिभावकों में भारी नाराजगी है। अभिभावकों ने कहा कि जब स्कूल में 400 छात्रों को ही प्रवेश दिया जा सकता था तो इतनी बड़ी मात्रा में फॉर्म क्यों जमा करवाए गए। लॉकडाउन में भी अभिभावक फॉर्म भरने के लिए लाइन में लगे हुए थे। पहले यह नहीं बताया गया कि लकी ड्रॉ से प्रवेश दिया जाएगा, नहीं तो हम फॉर्म ही नहीं भरते।

अभिभावक करेंगे आरटीई एक्ट के उल्लंघन के खिलाफ शिकायत 
अब अभिभावकों ने समिति के खिलाफ आरटीई एक्ट के उल्लंघन के खिलाफ शिकायत करने का निर्णय लिया है। अभिभावक शिक्षा विभाग से कड़ी कार्रवाई करने और छात्रों को प्रवेश दिलाने की मांग करेंगे। 

निजी स्कूल अब मांग रहे दोगुनी फीस
शिक्षा समिति की पूणा सरकारी स्कूल की अत्याधुनिक सुविधाओं को देखकर प्रभावित हुए अभिभावकों के सामने अब दोहरी परेशानी आ गई है एक तो सरकारी स्कूल में प्रवेश नहीं मिल रहा तो वहीं दूसरी ओर अब निजी स्कूल भी छात्रों को प्रवेश नहीं दे रहे हैं। कुछ स्कूल को दोगुना फीस मांग रहे हैं। 

चेयरमैन बोले- शिक्षकों की भारी कमी, नहीं बढ़ा सकते क्लास रूम
वहीं, इस संबंध में समिति के चेयरमैन हसमुख देसाई ने कहा कि हजारों फॉर्म जमा हुए थे। क्लास रूम कम हैं, इसलिए 400 छात्रों को प्रवेश देने का निर्णय लिया गया है। शिक्षकों की भारी कमी है, इसलिए क्लासरूम नहीं बढ़ा सकते हैं।

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