यहां कोरोना से ज्यादा जांच का खौफ, जानें इससे बचाने को क्या करते हैं प्रवासी मजदूर
लॉकडाउन में बंद पड़ा कामकाज अनलॉक में धीरे-धीरे खुलने लगा है। कामकाज शुरू होने के बाद भारी संख्या में प्रवासी मजदूर सूरत आने लगे हैं। रेलवे स्टेशन पर रोजाना 12 से 15 हजार यात्री ट्रेन से सूरत आ रहे...
लॉकडाउन में बंद पड़ा कामकाज अनलॉक में धीरे-धीरे खुलने लगा है। कामकाज शुरू होने के बाद भारी संख्या में प्रवासी मजदूर सूरत आने लगे हैं। रेलवे स्टेशन पर रोजाना 12 से 15 हजार यात्री ट्रेन से सूरत आ रहे हैं। छपरा-सूरत ताप्ती गंगा एक्सप्रेस हफ्ते में पांच दिन चल रही है।
उत्तर-प्रदेश और बिहार के प्रवासी श्रमिक भी अब वापस आने लगे हैं। ताप्ती गंगा एक्सप्रेस शाम को 6 बजे सूरत स्टेशन पर पहुंचती है पर सिग्नल न मिलने के कारण सहारा दरवाजा के पास आउटर पर ही रोक दी जाती है। इसी बीच उत्तर प्रदेश-बिहार से आ रहे यात्री ट्रेन से नीचे उतर जाते हैं और कोरोना की जांच कराए बगैर ही घर पहुंच जाते हैं।
कुछ दिन पहले नीलगिरी आउटर पर यात्रियों के ट्रेन से उतरने का मामला भी सामने आया था। ज्ञातव्य है कि मंगलवार और बुधवार को ताप्ती गंगा जैसे ही सूरत स्टेशन के नजदीक पहुंची है तो उसे सहरा दरवाजा के पास आउटर पर रोक दिया गया। ट्रेन के रुकते ही 200 से 250 यात्री वहीं उतर गए। ताप्ती गंगा में उत्तर प्रदेश और बिहार से आने वाले आधे से ज्यादा यात्री को स्टेशन से पहले ही उतर जाते हैं।
सूरत स्टेशन पर महानगर पालिका बाहर से आने वाले यात्रियों की जांच कर रही है। इस दौरान रैपिड टेस्ट भी किया जाता है। इससे डेढ़ से दो घंटे का समय लगता है। जांच के डर से यात्री आउटर पर ही ट्रेन से उतर जाते हैं। आरपीएफ ने बताया कि हर जगह पेट्रोलिंग टीम तैनात की गई है। आउटर पर उतरने वाले यात्रियों पर कारर्वाई होगी।