Gujarat Assembly Elections: चुनाव आयोग की आंख बनेंगे बैंक, इस तरह की ट्रांजेक्शन की तुरंत देंगे सूचना
गुजरात में चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। ऐसे में चुनाव आयोग ने सभी बैंकों को 10 लाख रुपये से अधिक की ट्रांजेक्शन की जानकारी देने की जिम्मेदारी सौंपी है।

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गुजरात में विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है। सभी पार्टियां पहले से ज्यादा एक्टिव मोड में आ चुकी हैं। ऐसे में चुनाव आयोग (ईसी) ने राज्य के सभी बैंकों को एक जिम्मेदारी सौंपी है। ईसी ने उन्हें खातों में 10 लाख रुपये से अधिक के संदिग्ध लेनदेन पर नजर रखने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे उम्मीदवारों द्वारा खोले गए खातों में एक लाख रुपये से अधिक के लेनदेन की सूचना दें।
चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोई भी उम्मीदवार प्रचार के दौरान 40 लाख रुपये से अधिक की राशि खर्च नहीं कर सकता है और उन्हें इसके लिए एक अलग खाता खोलना होगा। राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 10,000 रुपये से अधिक के सभी लेनदेन चेक, आरटीजीएस (रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) या ड्राफ्ट के जरिए किए जाने चाहिए।
गुजरात के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के लेखा अधिकारी सहदेवसिंह सोलंकी ने कहा कि इन निर्देशों से अवगत कराने के लिए, गुजरात के सभी 33 जिलों में व्यय निगरानी प्रकोष्ठों के नोडल अधिकारियों ने पिछले दो दिनों में बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। सोलंकी ने कहा, भारतीय रिजर्व बैंक और चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, हमने बैंकों को निर्देश पारित करने के लिए कुछ दिन पहले ही सभी जिला नोडल अधिकारियों को पत्र लिखा है। यह हर चुनाव में किया जाने वाला एक मानक अभ्यास है।
सीईओ कार्यालय से पत्र मिलने के बाद मेहसाणा के जिला विकास अधिकारी ओम प्रकाश जिन्हें यहां नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, ने शनिवार को एक बैठक बुलाई और जिले के सभी आरबीआई-पंजीकृत बैंकों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा, 'स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए, हमने बैंकों से सभी लेनदेन पर कड़ी नजर रखने और 10 लाख रुपये या उससे अधिक के संदिग्ध लेनदेन की रिपोर्ट करने को कहा है। यह सभी खातों पर लागू होता है।