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Hindi News गुजरातऔर भी सजा करवा देते, कोर्ट का फैसला सुनते ही दुखी होकर बोला बलात्कारी आसाराम

और भी सजा करवा देते, कोर्ट का फैसला सुनते ही दुखी होकर बोला बलात्कारी आसाराम

मंगलवार को जोधपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बालात्कारी आसाराम को जब गुजरात की सत्र अदालत ने दोबारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई तो वो बहुत दुखी हो गया। बोला-और भी सजा करवा देते...

और भी सजा करवा देते, कोर्ट का फैसला सुनते ही दुखी होकर बोला बलात्कारी आसाराम
Mohammad Azamहिंदुस्तान,अहमदाबादWed, 01 Feb 2023 08:31 AM

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मंगलवार गांधीनगर की सत्र आदालत ने स्वयंभू संत आसाराम को एक दशक पुराने रेप के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में सुनवाई के दौरान मौजूद एक वकील ने बताया कि जब आसाराम को आदलत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई तो दोषी आसाराम ने कहा, "और भी सजा करवा देते!" इस तरह का ये दूसरा मामला है जिसमें आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। 2018 में भी आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी हालांकि, आसाराम 2013 से ही सलाखों के पीछे है।

रेप के मामले में सेशन कोर्ट के जज डी के सोनी ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में आईपीसी की धारा 376(2) और 377 के तहत सजा सुनाई गई है। गुजरात की सेशन कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा जोधपुर में चल रही के साथ-साथ चलेगी। दोषी आसाराम को अदालत ने छेड़छाड़ और धमकी देने के मामले में भी दो साल की सजा सुनाई है। अदलत ने इस मामले में आसाराम पर 23 हजार का जुर्माना लगाया है और पीड़िता को पचास हजार का मुआवजा देने का आदेश दिया है।

1097 पन्नों के आदेश में, जज ने लिखा,"इस अदालत का दृढ़ विश्वास है कि समाज में ईश्वर से डरने वाले लोगों के शोषण को रोकने के लिए, इस तरह के जघन्य अपराध को क्षमा नहीं किया जा सकता है, और कानून के तहत निर्धारित अधिकतम सजा दी जानी चाहिए। ”

.इस मामले में विशेष लोक अभियोजक आरसी कोडेकर ने जहां आसाराम को आदतन अपराधी बताते हुए आजीवन कारावास की मांग की, वहीं आसाराम के वकील बी एम गुप्ता ने उनकी बढ़ती उम्र और खराब स्वास्थ्य को देखते हुए नरमी बरतने की अपील की। हालाँकि, न्यायाधीश आसाराम की अधिक उम्र के आधार पर विचार करने के लिए तैयार नहीं थे और कहा कि वह पीड़िता के पिता से बड़े हैं, और उनके अपराध को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। अदालत की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वह समाज में मिसाल कायम करे और ऐसे अपराधों पर लगाम लगाए। अदालत ने शिकायतकर्ता के इस स्पष्टीकरण को भी स्वीकार कर लिया कि उसने 12 साल बाद आसाराम के खिलाफ आरोप क्यों लगाए जबकि उसने कहा कि जोधपुर में आसाराम पर मामला दर्ज होने और पॉक्सो मामले में जमानत से इनकार करने के बाद ही वह हिम्मत जुटा सकी थी।

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