गुजरात: RTI कार्यकर्ता हत्या मामला में बीजेपी के पूर्व सांसद को बड़ी राहत, हाई कोर्ट ने सजा निलंबित की
गुजरात हाई कोर्ट ने आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की हत्या के मामले में विशेष अदालत द्वारा भाजपा के पूर्व सांसद दीनू बोघा सोलंकी को दी गई आजीवन कारावास की सजा निलंबित कर दी। अदालत ने कहा कि उनको दोषी...
गुजरात हाई कोर्ट ने आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की हत्या के मामले में विशेष अदालत द्वारा भाजपा के पूर्व सांसद दीनू बोघा सोलंकी को दी गई आजीवन कारावास की सजा निलंबित कर दी। अदालत ने कहा कि उनको दोषी ठहराए जाने को सिद्ध नहीं किया जा सकता है। सोलंकी को जमानत देते हुए न्यायमूर्ति परेश उपाध्याय ने कहा कि सीबीआई की विशेष अदालत का फैसला 'त्रुटिपूर्ण एवं अरक्षणीय' है क्योंकि सुनवाई 'आकलन, पूर्वानुमान तथा संयोग एवं शंकाओं' पर आधारित थी।
उच्च न्यायालय ने कहा कि सोलंकी के खिलाफ सुनवाई मुख्यत: परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित थी। इसने कहा कि साक्ष्य ''आरोपी को दोषी साबित करने के अलावा कई अन्य अनुमानों की तरफ इशारा करते हैं और इसमें आवेदक को गलत तरीके से फंसाने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
आरटीआई कार्यकर्ता जेठवा की 2010 में गुजरात उच्च न्यायालय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। निचली अदालत ने जुलाई 2019 में सोलंकी एवं छह अन्य को जेठवा की हत्या करने के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जेठवा ने गिर वन क्षेत्र में अवैध खनन का भंडाफोड़ करने का प्रयास किया था।
साबरमती जेल में बंद सोलंकी ने सीबीआई के फैसले को चुनौती दी और अपनी सजा निलंबित करने का आग्रह किया। उच्च न्यायालय ने इस तथ्य को संज्ञान में लिया कि 2010 में भाजपा के सांसद रहे सोलंकी को सीबीआई द्वारा जांच अपने हाथ में लेने के बाद 2013 में आरोपी बनाया गया।
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