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इंशाअल्लाह जल्द हिसाब; अतीक अहमद के जेल वाले चैट से बड़े खुलासे; गैंगस्टर के इरादे आए सामने

प्रयागराज ले जाए जाने से पहले अतीक अहमद गुजरात के साबरमती जेल में बंद था। आरोप है कि जेल में रहकर वह लगातार फोन पर सक्रिय था। चैट के जरिए वह वसूली रैकेट भी चला रहा था और धमकी देता था।

Sudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान, अहमदाबादTue, 18 April 2023 12:54 PM
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इंशाअल्लाह जल्द हिसाब; अतीक अहमद के जेल वाले चैट से बड़े खुलासे; गैंगस्टर के इरादे आए सामने

प्रयागराज में मारा गया गैंगस्टर अतीक अहमद उत्तर प्रदेश जाने से पहले अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद था। आरोप है कि उसने इस जेल में रहकर ही उमेशपाल हत्याकांड की साजिश रची थी और फोन के जरिए इसे अंजाम दिया था। अब उसके चैट से खुलासा हुआ है कि अतीक जेल में रहकर ही वसूली का अपना रैकेट भी चला रहा था। वह अपने बेटों के जरिए गुंडागर्दी जारी रखने का इरादा रखता था। उसने एक बिल्डर से 5 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी थी और 80 लाख रुपए मिल भी गए थे। बताया जा रहा है कि इसी का इस्तेमाल उमेशपाल हत्याकांड में किया गया। 

पुलिस ने इसके मोबाइल की पड़ताल से जो चैट निकाले हैं उसके मुताबिक, जेल से रंगदारी वसूली का खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, उसने यूपी के एक बिल्डर मोहम्मद मुस्लिम से 5 करोड़ रुपए की रंगदारी देने को कहा था। अतीक ने कहा था कि वह जल्दी मरने वाला नहीं है, बेहतर है कि पैसे दे दे और आकर मिले। अतीक ने चैट में यह भी मंशा जाहिर की थी कि उसकी गुंडागर्दी की विरासत को उसके बेटे आगे बढ़ाने वाले हैं। उसने लिखा, 'मेरे बेटे ना डॉक्टर बनेंगे ना वकील।' उसने यह भी लिखा, 'इंशाअल्लाह जल्द हिसाब शुरू कर दूंगा।' उसने बिल्डर को कहा, 'ईडी-ईडी करते हो। ईडी ने आपके पैसे जब्त नहीं किए हैं। अच्छा है पैसे दे दो।'  उसने चैट में लिखा, 'कम लफ्जों में ज्यादा समझो। मैं अभी मरने वाला नहीं हूं। इंशाअल्लाह एक्सरसाइज करता हूं। दौड़ता हूं। बेहतर है कि मुझसे आके मिल लो-अतीक अहमद साबरमती जेल।'

बताया जाता है कि करीब छह साल से अतीक अहमद जेल में बंद था। लेकिन सलाखों के पीछे रहकर भी अपराध की दुनिया में उसका नाम कायम था। वह चुपचाप अपने गुर्गों के जरिए वसूली रैकेट चला रहा था। दशकों तक उसका जो खौफ उत्तर प्रदेश में रहा है उसकी वजह से उसके एक फोन या चैट से लोग चुपचाप मुंहमांगी रकम देने को तैयार भी हो जाते  थे। अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि साबरमती जेल में उसे मोबाइल कैसे हासिल हुआ और किन लोगों की मदद से वह जेल में बैठकर भी अपने मंसूबों को अंजाम दे रहा था।

अतीक अहमद को उमेशपाल हत्याकांड में आरोपी बनाए जाने के बाद उसे उत्तर प्रदेश लाया गया था। यूपी जाने से पहले उसने अपनी हत्या की आशंका जाहिर की थी। उसे डर था कि पुलिस उसका एनकाउंटर कर सकती है। हालांकि, एनकाउंटर उसके बेटे असद का हो गया। अतीक के दो बेटे अभी सुधार गृह में और दो जेल में बंद हैं। शनिवार की रात प्रयागराज में मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल ले जाते समय तीन आरोपियों ने अचानक हमला करके अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी। 

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