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गुजरात में स्कूली बच्चों ने खेला खतरनाक खेल, ब्लेड मारकर खुद को किया घायल; सामने आई यह वजह

  • करीब 300 छात्र-छात्राओं की संख्या वाले इस स्कूल में अधिकारी अब बच्चों का बेहतर मानसिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न उपायों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

Sourabh Jain पीटीआई, अमरेली, गुजरातWed, 26 March 2025 08:59 PM
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गुजरात में स्कूली बच्चों ने खेला खतरनाक खेल, ब्लेड मारकर खुद को किया घायल; सामने आई यह वजह

गुजरात में अमरेली के एक सरकारी स्कूल से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां पढ़ने वाले पांचवीं से सातवीं के बच्चों के हाथों में ब्लेड से लगे कट के निशान मिलने के बाद परिजनों से लेकर आम लोग तक सभी चिंता में आ गए। बात पुलिस तक जा पहुंची, इसके बाद जब जांच हुई तो पूरा मामला खुलकर सामने आ गया। दरअसल बच्चों के हाथों में यह निशान किसी और ने नहीं बनाए थे, बल्कि ये कट के निशान उन्होंने खुद शार्पनर की ब्लेड अपने हाथों पर मारकर बनाए थे, और उन्होंने यह काम कथित तौर पर डेयर गेम खेलने के दौरान किया था। हैरानी की एक और बात यह भी है कि इस डेयर गेम में केवल लड़के ही शामिल नहीं थे बल्कि ये कट मार्क्स लड़कियों के हाथ पर भी मिले हैं।

बुधवार को इस बारे में जनकारी देते हुए पुलिस अधिकारी डीएसपी जयवीर गढ़वी ने बताया कि 'अमरेली जिले के बागसारा में मोटा मुंजियासर प्राथमिक विद्यालय के छात्रों ने एक-दूसरे को चुनौती दी कि या तो वह खुद को हाथ पर ब्लेड मारकर घायल करें या फिर ऐसा न करने पर 10 रुपए दें। इसके बाद करीब 20-25 छात्रों ने अपने हाथों पर ब्लेड मारकर खुद को घायल कर लिया।'

पुलिस ने बताया कि इस मामले का खुलासा तब हुआ जब अपने बच्चे के हाथ में ब्लेड के निशान देखकर एक परेशान अभिभावक ने स्कूल प्रशासन को इस बात की सूचना दी। जिसके तुरंत बाद स्कूल ने अभिभावक-शिक्षक की बैठक बुलाई, हालांकि अभिभावक इसके बाद पुलिस के पास पहुंच गए और उन्होंने मामले में जांच की मांग की।

शिकायत मिलने के बाद पुलिस की टीम ने स्कूल का दौरा किया और अभिभावकों के बयान दर्ज किए। साथ ही उन्होंने बताया कि इस मामले में फिलहाल किसी तरह की कोई आपराधिक गतिविधि नहीं पाई गई है, लेकिन अगर इस तरह का कोई कृत्य सामने आता है, तो पुलिस उसके अनुसार कार्रवाई करेगी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस घटना के मामले में एक रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को भेजी जाएगी।

उधर करीब 300 छात्र-छात्राओं की संख्या वाले इस स्कूल में अधिकारी अब बच्चों का बेहतर मानसिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न उपायों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

इस बारे में जानकारी देते हुए जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी किशोर मियानी ने कहा कि छात्रों की काउंसलिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि 'हम घटना के पीछे जिम्मेदार परिस्थितियों को समझने के लिए शिक्षकों और अभिभावकों के साथ चर्चा करेंगे। छात्र-छात्राओं द्वारा खुद को नुकसान पहुंचाने और इसके लिए उन्हें प्रेरित करने वाले स्रोत या कारक को समझना महत्वपूर्ण है।' उन्होंने कहा कि हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि उन्हें ऐसा करने के लिए किसने प्रेरित किया।

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