गुजरात में 'अज्ञात' बीमारी, 4 बच्चों समेत 12 की मौत, सांस लेने में हो रही दिक्कत; 22 टीमें तैनात
गुजरात के कच्छ जिले के लखपत तालुका में एक खतरनाक बीमारी से 12 साल से कम उम्र के चार बच्चों समेत 12 लोगों की मौत हो गई है। कुछ स्थानीय जिला पंचायत सदस्यों का कहना है कि पीड़ित मरीजों को सांस लेने में भी कठिनाई हो रही थी।
गुजरात के कच्छ जिले के लखपत तालुका में एक 'अज्ञात' बुखार लोगों की जान ले रहा है। इससे इलाके में 12 साल से कम उम्र के 4 बच्चों समेत 12 लोगों की मौत हो गई है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मौत का कारण प्राथमिक रूप से न्यूमोनाइटिस मालूम पड़ता है। वहीं कुछ स्थानीय जिला पंचायत सदस्यों का कहना है कि डॉक्टर बुखार का सही इलाज नहीं कर पा रहे। बुखार से मरीजों को सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही है।
कच्छ कलेक्टर अमित अरोड़ा ने बताया कि पाकिस्तान सीमा के समीप स्थित तालुका में इस बुखार को देखते हुए चिकित्सा सेवाएं बढ़ा दी गई हैं। कुल 22 निगरानी टीमें और डॉक्टर तैनात किए गए हैं। बुखार किस वजह से हो रहा है, इसकी सटीक जांच के लिए निवासियों से नमूने लिए जा रहे हैं। स्वास्थ्यकर्मी एच1एन1, स्वाइन फ्लू, क्रीमियन-कांगो बुखार, मलेरिया और डेंगू की आशंका के निवारण के लिए उक्त नमूने ले रहे हैं।
कच्छ के कलेक्टर अमित अरोड़ा ने कहा- प्राथमिक तौर पर, ऐसा लगता है कि मौत न्यूमोनाइटिस के कारण हुई हैं। ऐसा नहीं लगता कि यह संक्रमण के कारण हुआ है। यह ना ही कोई संक्रामक बीमारी लग रही है। प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की 22 टीमें काम कर रही हैं, जिनमें दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से प्रतिनियुक्ति पर लाई गई टीमें और राजकोट पीडीयू मेडिकल कॉलेज की क्विक रिएक्शन टीमें भी शामिल हैं।
कच्छ जिला पंचायत सदस्य मीनाबा जडेजा ने गुजरात कांग्रेस प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल को लिखे पत्र में दावा किया कि लखपत तालुका के बेखदा, सनांद्रो, मोरगर और भरवंध गांवों में इस बुखार के कारण 3 से नौ सितंबर के बीच 5 से 50 साल की उम्र के 12 मरीजों की मौत हो गई है। वहीं लखपत पंचायत के पूर्व सदस्य हुसैन रायमा ने कहा कि बुखार से पीड़ित लोगों को पहले लखपत तालुका के वर्मानगर कस्बे के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
फिर मरीजों को दयापार सीएचसी और अंत में भुज जनरल अस्पताल ले जाया गया। एक मरीज को तो अहमदाबाद भी भेजा गया। लेकिन, मरीज बुखार से उबर नहीं पाया और उसकी मौत हो गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि मरीजों को बुखार, सर्दी, खांसी, निमोनिया था। उन्हें सांस लेने में कठिनाई हो रही थी, जबकि एक अन्य जिला पंचायत सदस्य ममद जंग जाट ने कहा कि डॉक्टर बीमारी का सटीक इलाज ही नहीं कर पाए जिससे लोगों की मौत हुई है।
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