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गुजरात हाईकोर्ट में UCC पैनल के फॉर्मेशन को चुनौती; क्या मांग, कौन सी दलीलें?

गुजरात हाईकोर्ट में यूसीसी पर पैनल के गठन को चुनौती दी गई है। गुजरात हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि इसमें अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को शामिल किया जाना चाहिए।

Krishna Bihari Singh पीटीआई, अहमदाबादTue, 22 April 2025 11:27 PM
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गुजरात हाईकोर्ट में UCC पैनल के फॉर्मेशन को चुनौती; क्या मांग, कौन सी दलीलें?

गुजरात हाईकोर्ट में यूसीसी पर पैनल के गठन को एक याचिका के जरिए चुनौती दी गई है। गुजरात हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में सूबे के समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की जरूरत का आकलन करने के लिए गठित पांच सदस्यीय समिति के गठन को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि इसमें अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को शामिल किया जाना चाहिए। यह याचिका सूरत के अब्दुल वहाब सोपारीवाला की ओर से डाली गई है।

बता दें कि इस साल 4 फरवरी को सीएम भूपेंद्र पटेल ने यूसीसी की जरूरत का आकलन करने के विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए समिति के गठन की घोषणा की थी। सोपारीवाला ने यूसीसी समिति की संरचना को चुनौती देते हुए अपनी याचिका में कहा कि इसमें धार्मिक अल्पसंख्यकों के सदस्य नहीं हैं। समिति में मुस्लिम हितधारकों को शामिल करना महत्वपूर्ण है ताकि यूसीसी के निर्माण में विचारों और प्रथाओं की विविधता पर विचार किया जा सके।

सोपारीवाला के वकील जमीर शेख ने बताया कि याचिका सोमवार को जस्टिस अनिरुद्ध पी. माई की अदालत में सुनवाई के लिए आई। अब 5 मई को इस याचिका पर सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल कमल त्रिवेदी के मौजूदगी में सुनवाई की जाएगी। याचिका में कहा गया है कि गुजरात में यूसीसी की जरूरत की जांच के लिए गठित समिति में अल्पसंख्यक समुदायों का एक भी विद्वान नहीं है।

याचिका में कहा गया है कि हर समुदाय और प्रासंगिक हितधारकों के उचित प्रतिनिधित्व के बिना, यह समिति संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), 15 (भेदभाव का निषेध), और 25 (धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार) के तहत दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है।

याचिका में यह भी कहा गया है कि समिति का गठन विभिन्न धार्मिक/व्यक्तिगत कानूनों की एकरूपता के लिए किया गया है। समिति में अल्पसंख्यक समूहों, जैसे ईसाई, पारसी, सिख, मुस्लिम, जैन, बौद्ध आदि सहित विविध समुदायों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उसकी ओर से 16 मार्च को मुख्यमंत्री को एक अभ्यावेदन दिया गया था। अभ्यावेदन देने के बाद वह गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर विवश हुए हैं।

याचिका में अदालत से गुहार लगाई गई है कि वह गुजरात सरकार को समिति में सुधार करने का निर्देश दे। अदालत सरकार को यूसीसी लागू करने के किसी भी कदम से पहले समिति में सभी धार्मिक समुदायों को शामिल करते हुए परामर्श प्रक्रिया में भागीदारी करने का निर्देश दे। संवैधानिक, कानूनी और सांस्कृतिक ढांचे की मांग है कि विभिन्न समुदायों के कानून का सम्मान और संरक्षण किया जाना चाहिए। याचिका में यह भी कहा गया है कि समिति के गठन के लिए कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई थी।

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