अब अपराध की आय से खरीदी गई संपत्तियों को जब्त कर सकेगी गुजरात सरकार, विधानसभा में विधेयक पारित
- राज्य के गृहमंत्री हर्ष संघवी ने यह भी बताया कि अगर आरोपी उस पर दर्ज मामले में बरी हो जाता है, तो वह जब्त की गई संपत्ति या संपत्ति बेचने पर 5 प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज के साथ नकद वापस पा सकता है।
गुजरात विधानसभा में शुक्रवार को अपराध की आय से अर्जित चल और अचल संपत्तियों को जब्त करने के लिए एक विधेयक पारित किया गया। प्रस्तावित अधिनियम के तहत अपराधियों की संपत्तियों को जब्त करने और उनके खिलाफ मामलों की सुनवाई करने के लिए हाई कोर्ट के परामर्श से विशेष अदालतें बनाई जाएंगी। इस बात की जानकारी राज्य के गृहमंत्री हर्ष संघवी ने मॉनसून सत्र के अंतिम दिन विधानसभा में 'गुजरात विशेष न्यायालय विधेयक 2024' पेश करते हुए दी। विपक्षी कांग्रेस द्वारा इसका समर्थन नहीं किए जाने के कारण विधेयक को बहुमत से पारित कर दिया गया।
संघवी ने बताया कि नया कानून केवल उन आरोपियों पर लागू होगा, जिन पर ऐसे गंभीर अपराध के लिए मामला दर्ज किया गया है, जिसमें तीन साल से अधिक कारावास की सजा हो सकती है और जिनकी अपराध से अर्जित की गई संपत्ति का मूल्य 1 करोड़ रुपए से अधिक है।
संघवी ने कहा, 'यह कानून शराब तस्करों, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों, भू-माफियाओं, ड्रग डीलरों, जुआघर संचालकों और राजनेताओं सहित भ्रष्ट सरकारी कर्मचारियों जैसे बड़े अपराधियों के लिए है। ये अपराधी भारी मात्रा में संपत्ति जमा करते हैं और फिर इसका इस्तेमाल अपनी आपराधिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए करते हैं। ये संपत्तियां उन्हें जेल से बाहर आने के बाद भी अपनी अवैध गतिविधियों को जारी रखने में मदद करती हैं।'
गृहमंत्री ने सदन में कहा, 'आपराधिक मामले के सिलसिले में पहचानी गई ऐसी संपत्तियों को तेजी से जब्त करने के लिए विशेष अदालतों के गठन की तत्काल जरूरत है। साथ ही जब्ती की कार्यवाही करने के लिए विशेष अदालतों के गठन के लिए भी एक विशेष कानून की आवश्यकता पहले से महसूस की जा रही थी।'
संघवी ने कहा कि इस अधिनियम के तहत नकदी, आभूषण, शेयर, वाहन, मकान, दुकान आदि सहित संपत्तियों की पहचान और मूल्यांकन करने के लिए अलग-अलग जांच अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह कानून गुजरात निषेध अधिनियम, एनडीपीएस अधिनियम, जीएसटी अधिनियम, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम आदि के तहत दर्ज किसी भी अपराध पर लागू होगा।
उन्होंने कहा, 'अधिनियम की धारा 15 के तहत सरकार आपराधिक गतिविधियों से अर्जित संपत्ति को जब्त कर सकती है और यह जब्ती छह महीने के भीतर पूरी की जानी चाहिए। वहीं अधिनियम की धारा 5 के तहत, सरकार द्वारा अधिकृत एक अधिकारी को ऐसे अपराधों में आरोपी की संपत्ति जब्त करने के लिए नियुक्त किया जाएगा। यह अधिकारी अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के पद का सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी होगा।'
साथ ही संघवी ने बताया कि अगर आरोपी उस पर दर्ज मामले में बरी हो जाता है, तो वह जब्त की गई संपत्ति या संपत्ति बेचने पर 5 प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज के साथ नकद वापस पा सकता है।
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