75 साल में पहली बार ऐसा हुआ; उमर अब्दुल्ला की शपथ में पीएम मोदी ने बताई खास बात
- पीएम मोदी ने कहा, ‘अनुच्छेद-370 को हमेशा-हमेशा के लिए जमीन में गाड़ दिया गया है। पहली बार जम्मू-कश्मीर में इस चुनाव में बिना भेदभाव के मतदान किया गया। पहली बार वहां के मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान की शपथ ली है।’
राष्ट्रीय एकता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में कहा कि 'आज पूरे देश को खुशी है कि आजादी के सात दशक बाद एक देश और एक संविधान का संकल्प पूरा हुआ है। सरदार साहब की आत्मा को मेरी ये सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है। 70 साल तक बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान पूरे देश में लागू नहीं हुआ था। संविधान की माला जपने वालों ने संविधान का ऐसा घोर अपमान किया था। कारण था, जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद-370 की दीवार।'
उमर अब्दुल्ला की शपथ में पीएम मोदी ने बताई खास बात
पीएम मोदी ने आगे कहा, 'आर्टिकल- 370 देश में दीवार बनकर खड़ी थी। संविधान को रोक देती थी। जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित रखती थी। उस धारा- 370 को हमेशा-हमेशा के लिए जमीन में गाड़ दिया गया है। पहली बार जम्मू-कश्मीर में इस विधानसभा चुनाव में बिना भेदभाव के मतदान किया गया। वहां के मुख्यमंत्री ने आजादी के 75 साल बाद पहली बार भारत के संविधान की शपथ ली है। ये दृश्य भारत के संविधान निर्माताओं को अत्यंत संतोष देता होगा, उनकी आत्माओं को शांति मिलती होगी और ये संविधान निर्माताओं को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि है।'
वन नेशन-वन इलेक्शन पर भी बोले पीएम मोदी
राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने कहा, 'एकता के हमारे इन प्रयासों के तहत अब हम ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर काम कर रहे हैं। जो भारत के लोकतंत्र को मजबूती देगा। इससे देश विकसित भारत के सपने को पार करने में और नई गति प्राप्त करेगा। समृद्धि प्राप्त करेगा। भारत आज वन नेशन-वन सिविल कोड, यानी सेक्यूलर सिविल कोड की तरफ भी बढ़ रहा है। इसके मूल में भी सामाजिक एकता ही हमारी प्रेरणा है।'
पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बारे में बताते हुए कहा कि 'बीते 10 साल तक भारत की एकता और अखंडता के लिए यह कालखंड अभूतपूर्व उपलब्धियों से भरा पड़ा है। आज सरकार के हर काम और हर मिशन में राष्ट्रीय एकता की प्रतिबद्धता दिखती है। इसका एक बड़ा उदाहरण है, हमारा यह एकता नगर। यहां स्टैच्यू ऑफ यूनिटी है। इसके सिर्फ नाम में यूनिटी है, ऐसा नहीं है। इसके निर्माण में भी यूनिटी है। इसको बनाने के लिए देश के कोने-कोने से, देश के किसानों के पास से, खेत में इस्तेमाल हुए औजारों का लोहा लाया गया है। यहां देश के हर कोने से वहां की मिट्टी लाई गई है। इसका निर्माण स्वयं में एकता की अनुभूति कराता है।'
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