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Hindi Newsगुजरात न्यूज़Couple evading arrest for 17 years in job fraud case held from Ahmedabad

17 साल से फरार 1 लाख रु का इनामी दंपति गुजरात से गिरफ्तार, जानिए कैसे बनाते थे लोगों को शिकार?

  • आरोपी अमित ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि नौकरी पाने वाले लोगों को सर्विस एग्रीमेन्ट में 3 वर्ष तक कम्पनी में कार्य करने का बन्ध पत्र तथा तीन साल बाद सिक्योरिटी मनी वापस करने के साथ-साथ छह महीने कार्य करने के बाद वेतन वृद्धि का आश्वासन भी दिया जाता था।

Sourabh Jain भाषाThu, 15 Aug 2024 06:47 PM
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करीब 17 साल पहले फरार हुए कुल एक लाख रुपए के इनामी दम्पति को गुरुवार को यूपी एसटीएफ (विशेष कार्यबल) ने गुजरात के अहमदाबाद से गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि ये दोनों पति-पत्नी नौकरी देने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी कर प्रयागराज से फरार हुए थे और इन दोनों पर 50-50 हजार रुपए का इनाम भी घोषित था। आरोपियों के नाम अमित श्रीवास्तव और शिखा श्रीवास्तव हैं जिन्हें अहमदाबाद के वेजलपुर क्षेत्र स्थित शिवान्ता अपार्टमेन्ट से गिरफ्तार किया गया।

सूत्रों के अनुसार एसटीएफ को सूचना मिली थी कि अमित और शिखा अहमदबाद में छिपकर रह रहे हैं जिसके बाद उसकी टीम ने वहां पहुंचकर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। उनके अनुसार दोनों 2007 में प्रयागराज के जार्जटाउन थाने में धोखाधड़ी तथा अन्य आरोपों में दर्ज एक मुकदमे में वांछित हैं।

अमित ने पूछताछ में बताया है कि उसने 2007 में प्रयागराज के जार्जटाउन में 'इन्फोकान्स कन्सलटेन्टस प्राइवेट लिमिटेड' नामक एक कम्पनी खोली थी जिसमें वह खुद प्रबंध निदेशक और उसकी पत्नी शिखा सह निदेशक थी। अमित ने पुलिस को बताया कि इस कम्पनी में लोगों से धन जमा कराकर उन्हें सॉफ्टवेयर डेवलपर और इंजीनियर के पद पर नौकरी दी जाती थी। बदले में वेतन के रूप में उन्हें प्रतिमाह साढ़े आठ हजार रुपए दिए जाते थे। इसके लिए नौकरी पाने वाले हर व्यक्ति से सिक्योरिटी मनी के रूप में 80 हजार से एक लाख रुपए तक जमा करा लिए जाते थे।

सूत्रों के मुताबिक अमित ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि नौकरी पाने वाले लोगों को सर्विस एग्रीमेन्ट में तीन वर्ष तक कम्पनी में कार्य करने का बन्ध पत्र तथा तीन वर्ष बाद सिक्योरिटी मनी वापस करने के साथ-साथ छह महीने कार्य करने के बाद वेतन वृद्धि का आश्वासन भी दिया जाता था।

आरोपी ने बताया कि 'सिक्योरिटी मनी' के रूप में लाखों रुपए इकठ्ठा हो जाने पर वे सारा धन लेकर फरार हो गए और दिल्ली आ गए थे, जहां कुछ दिन रहकर दोनों ने अपनी आपराधिक गतिविधियां चलाईं। इसके बाद पिछले 6-7 सालों से यह कपल अहमदाबाद के शिवान्ता अपार्टमेन्ट में फ्लैट खरीद कर रह रहा था। यहां उन्होंने जिमनी सॉफ्टवेयर के नाम से एक कम्पनी खोली, जो मेडिकल कार्य से सम्बन्धित सॉफ्टवेयर का काम करती है। साथ ही दुबई में उसका ‘वर्चुअल ऑफिस’ भी है, जहां पर 12-15 लोग काम करते हैं और विदेशों में मेडिकल कार्य से सम्बन्धित सॉफ्टवेयर की आपूर्ति भी करते हैं।

सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों को अहमदाबाद के अपर जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत में पेश करके ट्रांजिट रिमाण्ड की कार्यवाही की जाएगी।

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