एक चाइनीज जो बन गया है 'हिन्दुस्तानी', गजब की है इनकी प्रेम कहानी
जहां प्यार होता है, वहां दो देशों की सीमाएं कोई मायने नहीं रखती। एक चीनी आदमी ने इस बात को एक बार फिर साबित कर दिखाया है। उसने अपने प्यार को पाने के लिए भारत के विदेशी नागरिक का दर्जा प्राप्त किया और 9 साल से अपनी पत्नी के साथ अहमदाबाद में रहा है।

जहां प्यार होता है, वहां दो देशों की सीमाएं कोई मायने नहीं रखती। एक चीनी आदमी ने इस बात को एक बार फिर साबित कर दिखाया है। उसने अपने प्यार को पाने के लिए भारत के विदेशी नागरिक का दर्जा प्राप्त किया और 9 साल से अपनी पत्नी के साथ अहमदाबाद में रहा है।
आज वैलेंटाइंस डे है। इस मौके पर प्यार की इस प्यारी कहानी से बेहतर क्या हो सकता है। एक चीनी आदमी ने सिर्फ इसलिए भारत के विदेशी नागरिक का दर्जा प्राप्त किया ताकि वह अपनी भारतीय पत्नी के साथ अहमदाबाद में बस सके। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 32 साल के मा है गुओ को 45 साल की पल्लवी गौतम से प्यार हो गया।
चीन के सिचुआन के नान चोंग शहर के गुओ से अहमदाबाद की पल्लवी की पहली मुलाकात 2016 में वेल्लोर में एक प्रोजेक्ट के दौरान हुई थी। जल्द ही वे एक-दूसरे के प्यार में पड़ गए और उसी साल शादी करने का फैसला किया। दंपति की शादी को नौ साल हो चुके हैं और वे दो साल की बेटी मा एन जी के माता-पिता हैं। हिंदी में मा एन जी का अर्थ शांतिपूर्ण होता है। इस दंपति ने न केवल एक-दूसरे की संस्कृति को अपनाया है, बल्कि उनकी बेटी भी चार भाषाएं बोल सकती है। वह गुजराती, मंदारिन, अंग्रेजी और हिंदी बोलती है।
पल्लवी गौतम ने बताया कि शादी के बाद पहले उन्होंने चीन में बसने का फैसला किया। उन्हें डर था कि उनके पति यहां के भोजन और मौसम में खुद को नहीं ढाल पाएंगे। हालांकि, उन्हें धीरे-धीरे अहमदाबाद से प्यार हो गया और उन्होंने भारत में बसने का फैसला किया।
वहीं, गुओ ने बताया कि उन्हें भारत में कभी भी उत्पीड़न या पक्षपात का सामना नहीं करना पड़ा। उन्होंने कहा, “मुझे यहां कभी भी किसी तरह के उत्पीड़न या पक्षपात का सामना नहीं करना पड़ा। हालांकि भाषा की बाधा है, लेकिन प्यार और करुणा में कोई बाधा नहीं है। जिस तरह से मैं लोगों से घुलता-मिलता हूं, उसी तरह से वे भी मुझसे घुलते-मिलते हैं। उन्हें अपने पड़ोसियों का गुजराती में अभिवादन करना अच्छा लगता है। उन्होंने बताया कि वे अक्सर उनसे केम छो, मजामा ने? कहते हैं।
उन्होंने बताया कि जब वे पहली बार अहमदाबाद आए थे तो उन्हें मसालेदार खाने से परेशानी हुई थी। उन्होंने बताया, "मैं अपनी जीभ से खाने को छू भी नहीं सकता था। यह मेरे लिए स्वादिष्ट नहीं था। धीरे-धीरे मैंने गुजराती व्यंजन और मसालेदार भारतीय भोजन खाना और पसंद करना शुरू कर दिया। अब मैं खाखरा का बहुत शौकीन हूं। जब मैं चीन में अपने माता-पिता से मिलने जाता हूं तो अपने साथ खाखरा के पैकेट ले जाता हूं।"
निजी फर्म में काम करने वाला यह दंपत्ति हर साल चीन जाता है। पल्लवी कहती हैं कि चीनी नववर्ष के दौरान वह यह सुनिश्चित करती हैं कि जश्न चीन की तरह ही धूमधाम से मनाया जाए ताकि उन्हें घर जैसा महसूस हो।
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