खुलासा! हर वक्त आपकी बातें सुनता रहता है फोन, मार्केटिंग कंपनी ने बताया सच
स्मार्टफोन यूजर्स लगातार इस बारे में चर्चा करते रहते हैं कि क्या उनकी बातें लगातार सुनी जा रही हैं। अब एक मार्केटिंग कंपनी ने इससे जुड़ी एक महत्वपूर्ण जानकारी शेयर की है और बड़ा खुलासा किया है।
कई बार ऐसा होता है कि आप किसी प्रोडक्ट या जरूरत के बारे में बात कर रहे हों और कुछ देर बाद सोशल मीडिया पर उससे जुड़े विज्ञापन या ऐड दिखने लगते हैं। लगातार इस बारे में बहस होती है कि स्मार्टफोन और दूसरे स्मार्ट डिवाइसेज के जरिए यूजर्स की बातें लगातार सुनी जाती हैं या नहीं। अब एक बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी ने खुद इस बात का खुलासा करते हुए सच्चाई से पर्दा उठाया है। सामने आया है कि स्मार्टफोन्स माइक्रोफोन के जरिए यूजर्स की बातें सुनते रहते हैं।
फेसबुक और गूगल जैसे क्लाइंट्स के साथ काम करने वाली मार्केटिंग कंपनी ने बताया है कि स्मार्टफोन्स में मौजूद सॉफ्टवेयर यूजर्स की बातें सुनता है। कंपनी ने माना है कि फोन में लगे माइक्रोफोन की मदद से जानकारी जुटाई जाती है, जिसका इस्तेमाल यूजर्स को टारगेट करने और ऐड दिखाने के लिए किया जाता है। यह बड़ा खुलासा 404 Media की ओर से पब्लिश किया गया है और मौजूदा सॉफ्टवेयर के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई है।
नए स्मार्टफोन में लेंस प्रोटेक्टर लगवाने जा रहे हैं आप? जरूरी बातें
आखिर क्या है ऐक्टिव लिसनिंग सॉफ्टवेयर?
रिपोर्ट में Cox Media Group के हवाले से बताया गया है कि स्मार्टफोन्स में मौजूद ऐक्टिव लिसनिंग टेक्नोलॉजी की मदद से AI यूजर्स का रियल-टाइम डाटा इकट्ठा करता है और उसका एनालिसिस करता है। टीवी और रेडियो न्यूज में यह ग्रुप बड़ा नाम है और इसने अपने निवेशकों से बात करते हुए इस टेक्नोलॉजी का जिक्र किया। कंपनी ने बताया कि यह टेक्नोलॉजी यूजर्स की बातों में से सही टॉपिक्स का चुनाव कर लेती है और उनके बिहेवियरल पैटर्न को भी समझती है।
कंपनी ने लिखा कि इस टेक्नोलॉजी की मदद से यूजर्स के वॉइस और बिहेवियरल डाटा को मॉनीटर किया जा सकता है और उसका एनालिसिस किया जाता है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि डाटा एनालिसिस के लिए यूजर्स का ऑनलाइन बिहेवियर और कन्वर्सेशनल डाटा जुटाया जाता है। सामने आया है कि AI पावर्ड सॉफ्टवेयर 470 से ज्यादा सोर्सेज से यूजर्स का डाटा कलेक्ट करता है।
WhatsApp पर आपकी जगह चैटिंग करेगा AI, गूगल Gemini ने मचाया तहलका
मेटा और अमेजन ने इसके लिए उठाए हैं कदम
आपको बता दें, मेटा और अमेजन ने इस बारे में जरूरी कदम उठाए हैं और उनकी ओर से दावा किया जाता है कि यूजर्स की अनुमति लिए बिना और उन्हें बताए बिना उनका डाटा नहीं इकट्ठा किया जाता है। इसके अलावा Apple डिवाइसेज में भी यूजर्स को खास फीचर मिलता है, जिससे वे तय कर सकते हैं कि ऐप आपकी ऐक्टिविटीज ट्रैक करे या नहीं।
लेटेस्ट Hindi News, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर ,और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।