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Whatsapp का भुगतान संबंधी डाटा देश में ही संग्रहीत होगा

मोबाइल एप व्हाट्सएप ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों के तहत देश के भीतर ही भुगतान संबंधी डाटा रखने की प्रणाली स्थापित कर ली है। यह जानकारी मंगलवार को व्हाट्सएप ने दी। बता दें कि...

नई दिल्ली, एजेंसियां Tue, 9 Oct 2018 05:47 PM
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मोबाइल एप व्हाट्सएप ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों के तहत देश के भीतर ही भुगतान संबंधी डाटा रखने की प्रणाली स्थापित कर ली है। यह जानकारी मंगलवार को व्हाट्सएप ने दी। बता दें कि  आरबीआई ने अप्रैल में भुगतान सेवा देने वाले सभी परिचालकों को भुगतान संबंधी सभी आंकड़ों का संग्रहण भारत में ही स्थापित प्रणाली में करने का निर्देश दिया था। इसके लिए कंपनियों को 15 अक्तूबर तक की मोहलत दी गई थी।

व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने कहा,रिजर्व बैंक के डाटा संग्रहण संबंधी परिपत्र के अनुपालन के लिए हमने एक प्रणाली स्थापित की है, जो भुगतान संबंधी सभी आंकड़ों का भारत में ही स्थानीय तौर पर संग्रहण करेगी। व्हाट्सएप इस साल की शुरुआत से देश में अपनी भुगतान सेवाओं का प्रायोगिक परीक्षण कर रही है। भारत में अभी करीब 10 लाख लोग व्हाट्सएप की इस सेवा का उपयोग कर रहे हैं।

प्रवक्ता ने कहा, जल्द ही इस सेवा को देशभर में शुरू किए जाने की योजना है, ताकि यह देश के वित्तीय समावेश लक्ष्यों को पूरा करने में अपना योगदान कर सके।

क्यों पड़ी जरूरत 

आरबीआई ने अप्रैल में अपने आदेश में कहा था कि भुगतान सेवा परिचालकों की बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि इन आंकड़ों तक अनौपचारिक निगरानी पहुंच हो। साथ ही यह पहुंच भुगतान सेवा से जुड़े सेवा प्रदाताओं, बिचौलियों और तीसरे पक्ष के सेवा प्रदाताओं के आंकड़ों तक भी हो। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि इन आंकड़ों में भुगतान के शुरू से लेकर आखिर तक के लेनदेन की पूरी जानकारी रखना होगा।

इसी सप्ताह सरकार ने की थी बैठक 

वित्तमंत्री अरुण जेटली और रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर बी. पी. कानूनगो ने सोमवार को ही वैश्विक वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए डाटा स्थानीयकरण नियम को लेकर बैठक की थी। इस बैठक में आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार और सूचना प्रौद्योगिकी सचिव अजय प्रकाश साहनी भी शामिल हुए थे।

आरबीआई के निर्देश पर मिलीजुली राय 

रिजर्व बैंक के डाटा स्थानीयकरण नियमों पर बाजार ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी। घरेलू भुगतान कंपनी फोनपे और पेटीएम ने जहां इसका स्वागत किया। वहीं गूगल पे ने डाटा के मुक्त प्रवाह की बात को अहमियत दी। इस नियम के अनुपालन को लेकर अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने और समय की मांग और इन आंकड़ों की प्रति रखने की अनुमति देने की बात की। सूत्रों की मानें तो गूगल ने नए नियम लागू करने के लिए दिसंबर तक का समय मांगा है। 

विधेयक के प्रावधानों पर आपत्ति 

करीब 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने एक संयुक्त पत्र में प्रस्तावित निजी डाटा सुरक्षा विधेयक के कुछ प्रावधानों पर चिंता व्यक्त की है। इस विधेयक में भी कुछ विशेष प्रकार के डाटा को देश के भीतर ही संग्रहीत करने की बात कही गई है।

फर्जी खबरों पर अभी भी तकरार 

फर्जी खबरों के व्हाट्सएप के जरिये प्रसार को रोकने के तरीकों को लेकर सरकार और कंपनी के बीच अब भी गतिरोध कायम है। व्हाट्सएप ने संदेश के स्रोत को बताने से इनकार कर दिया है। हालांकि, फर्जी खबरों को रोकने के लिए संदेश भेजने की सीमा तय करने संबंधी कई उपाय किए हैं। 

भारत : बड़ा बाजार 

- 1.3 अरब व्हाट्सएप उपयोक्ता पूरी दुनिया में 
- 20 करोड़ यूजर्स अकेले भारत में रहते हैं 
- 10 लाख भारतीय व्हाट्सएप भुगतान सेवा का इस्तेमाल कर रहे 

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