अब व्हाट्सएप से आपके फोन में सेंध नहीं लगा पाएगा वायरस, आ रहा है नया फीचर
व्हाट्सएप अपनी एप में सुधार के लिए कड़े कदम उठाता हुआ दिख रहा है। सरकार की ओर दबाव बनाए जाने के बाद व्हाट्सएप इस तरह के कदम उठा रहा है। दरअसल, सरकार की ओर से कहा गया था कि व्हाट्सएप अपने प्लेटफॉर्म...
व्हाट्सएप अपनी एप में सुधार के लिए कड़े कदम उठाता हुआ दिख रहा है। सरकार की ओर दबाव बनाए जाने के बाद व्हाट्सएप इस तरह के कदम उठा रहा है। दरअसल, सरकार की ओर से कहा गया था कि व्हाट्सएप अपने प्लेटफॉर्म पर फर्जी खबरों पर लगाम लगाने के लिए उचित कार्रवाई नहीं कर रहा है। इसके बाद कंपनी अपने यूजर्स को कई नए फीचर देने की तैयारी में है जिनकी मदद से यूजर्स की प्राइवेसी को सुरक्षित किया जाएगा साथ ही स्पैम(प्रोमोशनल मैसेज) को भी रोकने में मदद मिलेगी।
व्हाट्सएप “suspicious link detection” नाम के एक फीचर को टेस्ट कर रहा है। जैसा कि इसके नाम से ही जाहिर है कि इसके तहत एप अपने यूजर्स को ऐसे लिंक्स से सावधान करेगा जिससे यूजर की प्राइवेसी को खतरा हो सकता है। इस तरह के लिंक्स को एप की ओर से ही लाल रंग का कर दिया जाएगा और साथ ही ऐसे लिंक्स के साथ सस्पीशियस लिंक (Suspicious Link) भी लिखा हुआ दिखाई देगा। साथ ही यदि यूजर यदि इस लिंक पर क्लिक करेगा, तो एप लिंक के यूआरएल को छिपा देगा। साथ ही यूजर को एक नोटिफिकेशन भेजा जाएगा जिसमें बताया जाएगा कि यह एक Suspicious Link यानी की फर्जी खबर या आपके प्राइवेसी के लिए खतरा हो सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार एप के बीटा वर्जन में इस फीचर का इस्तेमाल शुरू हो गया है। यह फीचर एप के पुराने वर्जन में भी था।
व्हाट्सएप का यह फीचर गूगल के नोटिफिकेशन के तर्ज पर तैयार किया गया है। गूगल ऐसे लिंक्स, जो कि आपके सिस्टम में वायरस डाल सकते हैं के लिए नोटिफिकेशन भेजता है, जिसमें सूचना दी जाती है कि यह साइट आपके सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है।
इससे पहले कंपनी के प्रवक्ता ने यूजर्स की प्राइवेसी के सवालों के जवाब में कहा, ''कंपनी ने अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले व्हाट्सएप के उपयोग को लेकर बेहतर गतिविधियों के साथ इसके दुरूपयोग को रोकने पर चर्चा के लिये हाल ही में चुनाव आयोग तथा राजनीतिक संगठनों के साथ बातचीत की है। प्रवक्ता ने आगे कहा कि व्हाट्सएप को व्यक्तिगत और छोटे समूह के बीच बातचीत के लिये तैयार किया गया और कंपनी ने हमेशा से उन संदेशों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है जो व्यवस्था को चोट पहुंचाने की कोशिश करता है। वैसे संदेश भेजने वालों के 'एकाउंट' को बंद किया गया है।