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ग्राहकों के सत्यापन के लिए फिर Aadhar का नियमित इस्तेमाल कर सकेगी Airtel

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण( यूआईडीएआई) ने भारती एयरटेल को अपने मोबाइल ग्राहकों का सत्यापन आधार के जरिये करने के अधिकार को बहाल कर दिया है। हालांकि कंपनी को यह मंजूरी कुछ शर्तों के साथ दी गयी...

ग्राहकों के सत्यापन के लिए फिर Aadhar का नियमित इस्तेमाल कर सकेगी Airtel
नई दिल्ली, लाइव हिन्दुस्तान Fri, 30 March 2018 09:57 PM
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भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण( यूआईडीएआई) ने भारती एयरटेल को अपने मोबाइल ग्राहकों का सत्यापन आधार के जरिये करने के अधिकार को बहाल कर दिया है। हालांकि कंपनी को यह मंजूरी कुछ शर्तों के साथ दी गयी है।

हालांकि मामले से जुड़े सूत्रों ने एजेंसी भाषा को बताया कि यूआईडीएआई ने Airtel पेमेंट बैंकको  ई- केवाईसीके लिए आधार के प्रयोग की सुविधा बहाल नहीं की है। दिसंबर में एयरटेल का आधार का इस्तेमाल करने के बाद प्राधिकरण ने उसे कुछ समय के लिए इस सुविधा के इस्तेमाल की छूट दे रखी थी।

एयरटेल को आधार कानून के अनुपालन को लेकर तिमाही  रिपोर्ट देनी होगी तथा समय- समय पर प्राधिकरण द्वारा जारी निर्देशों का पालन करना होगा। यूआईडीआई ने यह पाया कि कंपनी 'महत्वपूर्ण बातों का अनुपालनकर रही और प्राधिकरण को लगातार अद्यतन जानकारी देने की पेशकश की। इसके बाद उक्त निर्णय किया गया।

दूरसंचार कंपनी एयरटेल तथा एयरटेल पेमेंट बैंक पिछले साल यूआईडीएआई के निशाने पर आये। सुनील भारती की अगुवाई वाली कंपनी ने अपने बहुत से मोबाइल ग्राहकों की मंजूरी के बिनाही समूह के भुगतान  बैंकमें उनके  खाते  और इन खातों में करोड़ों रुपये की एलपीजी सब्सिडी जमा करवा दी गयी।

सरकार और यूआईडीएआई ने दिसंबर में इस मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए कंपनी को अपने मोबाइल ग्राहकों के सत्यापन तथा पेमेंट बैंक के ग्राहकों के ई- केवाईसीके लिए आधार आधारित पर रोक लगा दी थी। बाद में एयरटेल को कुछ शर्तों के साथ निश्चित अवधि के लिये अपने मोबाइल ग्राहकों के फिर से सत्यापन के लिये आधार के उपयोग को मंजूरी दे दी। इस ताजा कदम से यूआईडीएआई ने भारती एयरटेल के ई- केवाईसी लाइसेंस बहाल कर दिया है।

ये चीजें ऐसे समय हुई हैं जब बैंक खातों तथा मोबाइल नंबर को आधार से जोड़ने की समयसीमा पहले ही अनिश्चितकाल के लिये बढ़ा दी गयी हैं। यह तबतक के लिये बढ़ाया गया जबतक पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ इस मामले में फैसला नहीं सुनाती। 

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