पल-पल में फोन चेक करने की लत से छुटकारा पाना है तो कीजिए ये आसान काम...
स्मार्टफोन अब हमारी जिंदगी में शौक से जरूरत बन गए हैं। हम जितना वक्त अपने परिवार और दोस्तों से बातचीत में नहीं गुजारते उससे कहीं ज्यादा वक्त स्मार्टफोन यूज करने में बिता देते हैं। लेकिन जरूरत से...
स्मार्टफोन अब हमारी जिंदगी में शौक से जरूरत बन गए हैं। हम जितना वक्त अपने परिवार और दोस्तों से बातचीत में नहीं गुजारते उससे कहीं ज्यादा वक्त स्मार्टफोन यूज करने में बिता देते हैं। लेकिन जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल अब स्मार्टफोन की लत डालता जा रहा है और लोग इस लत से छुटकारा पाना चाहते हैं।
ऐसे दूर हो सकता है स्मार्टफोन एडिक्शन
एक एक्सपर्ट की मानें तो स्मार्टफोन की आदत से छुटकारा पाने का एक सरल तरीका है, डिसप्ले स्क्रीन का कलर बदल लें। गूगल में काम कर चुके ट्रस्टान हैरिस ने कहा है कि अगर फोन की लत से छुटकारा पाना है तो अपने फोन डिसप्ले को डार्क या फिर ग्रे रंग का कर लीजिए। इससे बार-बार फोन देखने की आपकी आदत में सुधार आएगा।
बता दें कि एक रिसर्च के मुताबिक अमेरिका में हर शख्स एक दिन में औसतन 2,600 बार अपना फोन इस्तेमाल करता है। इतनी ही नहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो एक ही दिन में 5400 बार अपना स्मार्टफोन खोल कर देखते हैं।
हैरिस जो एक वक्त पर खुद फोन एडिक्ट थे, बताते हैं कि उन्होंने एक बार अपने फोन की स्क्रीन का रंग बदलकर ग्रे कर दिया। इससे हुआ ये कि उन्होंने अपने फोन में फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, जैसे एप्स को बार-बार चेक करना बंद दिया क्योंकि उनकी इच्छा ही नहीं करती थी। हैरिस ने कहा कि हर रंग के पीछे एक मनोविज्ञान छिपा होता है। हर रंग किसी ने किसी तरह की संवेदना पैदा करता है, जैसे कि नीला रंग भरोसे, निरभर्ता और प्रोफेशनलिज्म का प्रतीक होता है। इसी तरह लाल रंग ऊत्तेजना, यौवन और दबंग होने का ऐहसास कराता है।
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एक्सपर्ट का मानना है कि फोन के एप्स लाल, हरे, नीले और पीले जैसे रंगों के होते हैं जो अलग-अलग इमोशन पैदा करके इंसान को बार-बार फोन खोलने पर मजबूर करते हैं। इसलिए अगर आपको इन इमोशन को कम करना है तो फोन की स्क्रीन को बेरंग कर दें जैसे कि ग्रे कलर।