तुलना: इन मामलों में एंड्रॉयड स्मार्टफोन से पीछे है एप्पल iPhone
विश्व के अधिकतर देशों में एप्पल के आईफोन की धाक है। कई यूजर इसे खरीदने का मन बनाते हैं मगर
जानिए, किन मामलों में एंड्रॉयड स्मार्टफोन से पीछे है एप्पल I Phone
विश्व के अधिकतर देशों में एप्पल के आईफोन की धाक है। कई यूजर इसे खरीदने का मन बनाते हैं मगर ज्यादा कीमत की वजह से अपने हाथ पीछे खींच लेते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि आईफोन में पांच ऐसे फीचर नहीं हैं जिनकी जरूरत अक्सर यूजर को होती है और अन्य कंपनियां इस मामले में आगे निकल जाती हैं। आइए जानते हैं इन फीचर के बारे में।
गूगल के पिक्सल और सैमसंग के गैलेक्सी एस8 में टाइप सी यूएसबी केबल की सुविधा दी जाती है जो फोन को जल्दी चार्ज करने में मदद करती है। वहीं, आईफोन में अब तक (आईफोन 7 तक) लाइटनिंग कनेक्टर का इस्तेमाल किया जाता है जो फोन को तेजी से चार्ज नहीं कर पाता है। यहां तक कि एलजी और सैमसंग के कई फोन में वायरलेस चार्जिंग का फीचर आ चुका है। मगर लीक जानकारी में बताया गया कि एप्पल अपने फ्लैगशिप फोन यानी आईफोन 8 में वायरलेस चार्जिंग का फीचर दे सकता है।
फिक्स्ड इंटरनल मेमोरी
आईफोन के सभी वेरियंट में एक तय इंटरनल मेमोरी दी जाती ह,ै जिसे जरूरत के मुताबिक बढ़ाया नहीं जा सकता है। मिसाल के तौर पर देखें तो आईफोन में 16 जीबी, 32 जीबी, 64 जीबी इंटरनल मेमोरी जैसे वेरियंट आते हैं। मेमोरी में इजाफा होने के बाद रुपयों में भी अच्छा खासा इजाफा देखने को मिलता है। वहीं अन्य कंपनियां अपने फोन में अलग से इंटरनल मेमोरी लगाने का स्लॉट देती हैं। इस वर्ष आईफोन की जो जानकारी लीक हुई हैं उसमें मेमोरी कार्ड लगाने का विकल्प दिया जा सकता है।
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दो सिम स्लॉट
विश्व भर में मौजूद अधिकतर कंपनियां दो सिम का स्लॉट उपलब्ध कराती हैं ताकि यूजर जरूरत पड़ने पर एक फोन में दो टेलिकॉम नेटवर्क का इस्तेमाल कर सके, मगर आईफोन के सभी फोन में एक ही सिम का स्लॉट मौजूद है।
बदल नहीं सकते ब्राउजर
एंड्रॉयड, विंडो और अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम से लैस फोन में एक से ज्यादा ब्राउजर एप का इस्तेमाल किया जा सकता है मगर आईफोन में डिफॉल्ट ब्राउजर का ही इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि कई यूजर को आईफोन का डिफॉल्ट ब्राउजर काफी पसंद आता है।
थर्ड पार्टी एप का नहीं कर सकते इस्तेमाल
एप्पल में किसी थर्ड पार्टी एप का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं, जिस वजह से कई यूजर को परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि थर्ट पार्टी एप फोन में मौजूद जानकारी की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।