कैंब्रिज एनालिटिका कंपनी ने ऐसे चुराया पांच करोड़ लोगों का डेटा, कितना सिक्योर है आपका फेसबुक?
ब्रिटिश की डेटा एनालिटिक्स कंपनी 'कैंब्रिज एनालिटिका' इन दिनों खूब सुर्खियों में हैं। इस कंपनी के सुर्खियों में रहने की वजह है इसपर लगा एक आरोप, आरोप है कि अमेरिका में साल 2016 में राष्ट्रपति...
ब्रिटिश की डेटा एनालिटिक्स कंपनी 'कैंब्रिज एनालिटिका' इन दिनों खूब सुर्खियों में हैं। इस कंपनी के सुर्खियों में रहने की वजह है इसपर लगा एक आरोप, आरोप है कि अमेरिका में साल 2016 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान इस कंपनी ने करीब 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स का डाटा चुराया था जिसे डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किया गया। 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ये कंपनी ट्रंप सर्विस दे चुकी है। इस बात का खुलासा न्यूयॉर्क टाइम्स और लंदन ऑब्जर्वर की एक रिपोर्ट में हुआ।
खुलासे के बाद जहां फेसबुक को करीब 395 अरब रुपये का नुकसान हुआ तो वहीं मामले के सामने आते ही अमेरिका और यूरोपीय सांसदों ने फेसबुक इंक से जवाब मांगा है और मार्क जुकरबर्ग को उनके सामने पेश होने के लिए कहा है। इस पूरे कांड के बीच सवाल अब ये उठा रहा है कि आखिर इतना बड़ा डाटा हैक हुआ कैसे। हमारी तरह आप भी यही सोच रहे होंगे कि आखिर कैसे कैंब्रिज कंपनी 5 करोड़ लोगों का डाटा चुरा लिया।
पढ़ें, कैसे कैंब्रिज कंपनी ने किया कांड :
दरअसल अमेरिका चुनाव को ध्यान में रखते हुए साल 2013 में कैंब्रिज एनालिटिका कंपनी बनाई गई थी। इस कंपनी का मकसद कंज्यूमर रिसर्च, एडवरटाइजिंग और डाटा से जुड़ी सर्विस, पॉलिटिकल क्लाइंट और कॉरपोरेट क्लाइंट को देना था। लेकिन इतने साल बाद इस बात का खुलासा हुआ है कि इस कंपनी ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान फेसबुक यूजर्स का डाटा चुराया। डाटा चुराने के लिए एक ब्रिटिश प्रॉफेसर अलेक्सजेंडर कोगन ने फेसबुक बेस्ड एक ऐप बनाया। पर्सनैलिटी एनालिसिस बताने वाले इस ऐप को लाखों यूजर्स तक पहुंचाया गया वो भी बेहद कम कीमत पर।
इस ऐप को लॉगइन करने के लिए यूजर को फेसबुक का आईडी पासवर्ड डालना होता था। जैसे ही यूजर्स अपना फेसबुक आईडी पासवर्ड इस ऐप में डालता उसका सारा डाटा आसाना से चुरा लिया जाता। इस ऐप के जरिए लाखों यूजर्स और उनके दोस्तों को मिलाकर 5 करोड़ लोगों को डाटा चुरा लिया गया। 2015 में जब इसका पता चला तो फर्म ने पूरे डाटा को डिलीट कर दिया, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स फर्म के इस दावे को खारिज कर रही है।
इस खबर के आने से अब सवाल ये उठ रहा है कि इतनी सख्त सिक्यॉरिटी होने के बाद भी यूजर्स का डाटा कैसे लीक हो जाता है। जाहिर है आप भी बात से परेशान होंगे और अपने फेसबुक को लेकर सचेत हो गए होंगे। तो हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं जिनसे आप अपना फेसबुक और ज्यादा सीक्रेट कर सकते हैं। बस आपको कुछ चीज़ें फॉलो करनी होंगी जिससे आपका फेसबुक और सिक्योर हो जाएगा।
ऐसे सिक्योर करें अपना फेसबुक :
फेसबुक पर अपने डेटा को सुरक्षित रखने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट नितिन भटनागर बताते हैं कि फेसबुक पर आप सेटिंग्स को बदलकर ही कुछ हद तक अपने डेटा को सुरक्षित कर सकते हैं। इसके लिए फेसबुक की 'सेंटिग्स' में आपको विकल्प मिलते है। सबसे जरूरी है कि अपने प्रोफाइल में 'टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन' को इनेबल करके रखें। इस सेटिंग को इनेबल करने पर यदि कोई आपका पासवर्ड पता भी कर ले, तो भी आपका प्रोफाइल एक्सेस नहीं कर पाएगा।