Hindi Newsगैजेट्स न्यूज़Supreme Court directs WhatsApp to tell users that they are not bound to accept its 2021 privacy policy - Tech news hindi

सुप्रीम कोर्ट की Whatsapp को फटकार! भारतीय यूजर्स से पूरा सच बताने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने साल 2016 और 2021 की वॉट्सऐप प्राइवेसी पॉलिसी से जुड़ी सुनवाई के दौरान कहा है कि वॉट्सऐप इस बात का प्रचार करे कि यूजर्स के लिए इसकी प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार करना जरूरी नहीं है।

Pranesh Tiwari लाइव हिंदुस्तान, नई दिल्लीWed, 1 Feb 2023 06:17 PM
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मेसेजिंग प्लेटफॉर्म Whatsapp की ओर से भारतीय यूजर्स के लिए प्राइवेसी पॉलिसी में किए गए बदलावों की अनिवार्यता को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था, जहां वॉट्सऐप को फटकार लगाई गई है। दरअसल वॉट्सऐप यूजर्स के लिए कंपनी की 2021 प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार करना जरूरी नहीं है और कोर्ट चाहता है कि यह बात सभी भारतीय यूजर्स तक पहुंचाई जाए। 

साल 2021 में वॉट्सऐप ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी की घोषणा की थी और कहा था कि यूजर्स का कुछ डाटा अब इसकी पैरेंट कंपनी मेटा के साथ शेयर किया जाएगा। यह पॉलिसी स्वीकार करना शुरू में सभी यूजर्स के लिए अनिवार्य कर दिया गया था और कहा गया था कि ऐसा ना करने की स्थिति में यूजर्स को वॉट्सऐप इस्तेमाल करने का विकल्प नहीं मिलेगा। हालांकि, भारत में इस बदलाव को चुनौती दी गई थी। 

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सुप्रीम कोर्ट में दर्ज की गई थी याचिका
वॉट्सऐप की ओर से लाई गई प्राइवेसी पॉलिसी को कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसके बाद से डाटा ड्राफ्ट प्रोटेक्शन बिल का इंतजार हो रहा था। वॉट्सऐप चाहता है कि फाइनल बिल आने के बाद देखा जाए कि याचिका में किए गए दावों के हिसाब से प्राइवेसी पॉलिसी यूजर्स को प्रभावित कर रही है या नहीं। पांच जजेस की बेंच ने डाटा प्रोटेक्शन बिल का फाइनल वर्जन आने से पहले वॉट्सऐप को यूजर्स के साथ जानकारी साझा करने को कहा है। 

सुप्रीम कोर्ट ने वॉट्सऐप से क्या कहा है?
उच्चतम न्यायालय ने वॉट्सऐप को निर्देश दिए हैं कि यह मीडिया में इस बात को प्रचारित करे कि यूजर्स वॉट्सऐप की 2021 प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं है। कोर्ट ने मेसेजिंग प्लेटफॉर्म से यूजर्स तक यह बात पहुंचाने को कहा है कि नए डाटा सुरक्षा से जुड़े नियम लागू होने से पहले बिना प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार किए भी उन्हें पहले की तरह सभी चैटिंग फंक्शंस मिलते रहेंगे। 

यूजर्स के लिए क्या हैं इसके मायने?
याचिका में तो साफ कहा गया है कि वॉट्सऐप भारतीय यूजर्स के साथ भेद-भाव कर रहा है और मेटा के साथ यूजर्स की डाटा शेयरिंग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगना चाहिए। हालांकि, कंपनी कितना डाटा शेयर कर सकती है और कितना नहीं, यह भारत में डाटा प्राइवेसी एंड प्रोटेक्शन बिल तैयार होने के बाद साफ हो सकेगा। फिलहाल यूजर्स वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार करने को बाध्य नहीं हैं और पहले की तरह चैटिंग जारी रख सकते हैं।

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