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5 मिनट के चार्ज में, 5 घंटे चलेगी बैटरी

अधिकतर प्रीमियम या फ्लैगशिप स्मार्टफोन में बैटरी और उसे चार्ज करने की तकनीक पर खास ध्यान दिया जाता है। इसी तर्ज पर फोन का प्रोसेसर बनाने वाली कंपनी क्वालकॉम ने क्विक चार्ज 4प्लस की घोषणा कर दी है। इस...

हिन्दुस्तान टीम नई दिल्ली,Wed, 7 June 2017 02:34 PM
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अधिकतर प्रीमियम या फ्लैगशिप स्मार्टफोन में बैटरी और उसे चार्ज करने की तकनीक पर खास ध्यान दिया जाता है। इसी तर्ज पर फोन का प्रोसेसर बनाने वाली कंपनी क्वालकॉम ने क्विक चार्ज 4प्लस की घोषणा कर दी है। इस तकनीक से फोन को पांच मिनट चार्ज करने के बाद 5 घंटे तक इस्तेमाल किया जा सकता है। इस तकनीक के बारे में बता रहे हैं रोहित कुमार।

लकॉम क्विक चार्ज 4प्लस को पुराने वर्जन की तुलना में आधुनिक बनाने के लिए इसमें ‘सेकेंड पावर मैनेजमेंट आईसी’ दी गई है। यह ‘सेकेंड मैनेजमेंट आईसी’ डुअल चार्ज फीचर को और तेजी से काम करने की शक्ति प्रदान करती है। पुराने वर्जन यानी क्विक चार्ज 4.0 में डुअल चार्ज फीचर था मगर अलग से ‘सेकेंड पावर मैनेजमेंट आईसी’ नहीं दी गई थी। इसके अलावा इसमें दूसरा खास फीचर जो शामिल किया है, वह फोन या बैटरी को गर्म होने से बचाता है। पावर डिलीवरी के दौरान फोन के गर्म होने की समस्या को शोधकर्ताओं ने दूर करने की कोशिश की है। साथ ही क्वालकॉम क्विक चार्ज 4प्लस का तीसरा और अहम फीचर फोन और कनेक्टर (चार्ज करने वाला पोर्ट) के तापमान को संतुलित रखने की कोशिश करता है। इससे न सिर्फ फोन की लाइफ बढ़ती है बल्कि शॉर्ट सर्किट की वजह से यूजर के फोन को जो नुकसान होते हैं उससे भी वह सुरक्षित रहता है।

क्विक चार्ज 4 का अपग्रेड वर्जन
क्वालकॉम क्विक चार्ज 4प्लस, क्विक चार्ज 4 का अपग्रेड वर्जन है। क्विक चार्ज 4प्लस पुरानी तकनीक के मुकाबले 15 प्रतिशत तेजी से फोन की बैटरी को चार्ज करता है। इस आधार पर बताया गया है कि क्विक चार्ज 4प्लस मुश्किल से आधे घंटे के भीतर फोन की बैटरी को लगभग 90 फीसदी तक चार्ज कर देता है। क्विक चार्ज 4प्लस को ऐसे डिजाइन किया गया है कि वह क्वालकॉम स्नैपड्रैगन प्रोसेसर के साथ आने वाले फोन को ही सपोर्ट करेगा।

ऐसे काम करती है क्विक चार्ज तकनीक 
हर एक स्मार्टफोन में पावर मैनेजमेंट सर्किट बोर्ड होता है। यह तय करता है कि किसी भी समय बैटरी कितनी बिजली ले सकती है। गौर करने वाली बात यह है कि जिन स्मार्टफोन में क्विक चार्ज नहीं है उनमें ये 10 वॉट तक सीमित है। क्विक चार्ज की खूबी है कि वो इस सीमा को बढ़ा देता है। इसलिए स्मार्टफोन जल्दी चार्ज हो जाता है। इस प्रक्रिया में स्मार्टफोन का पावर मैनेजमेंट सर्किट ज्यादा बिजली ग्रहण करने में सक्षम हो जाता है। 

क्विक चार्ज के लिए तीन चीज जरूरी 
स्मार्टफोन या टैबलेट में क्विक चार्ज का सिस्टम, एडॉप्टर जो ऊंचे वोल्टेज का है और बढ़िया यूएसबी वाली तार। अगर स्मार्टफोन को क्विक चार्ज के लिए नहीं बनाया गया है तो उसे जल्दी नहीं चार्ज किया जा सकता है। जल्दी चार्ज करने से कई कंपनियों के स्मार्टफोन गर्म भी हो जाते हैं। इसलिए ऐसे सभी डिवाइस में एक सेंसर लगा होता है। फोन चार्जिंग के दौरान अगर ये डिवाइस ज्यादा गर्म हो जाते हैं तो क्विक चार्ज थोड़े समय के लिए बंद हो जाते हैं।

60 फीसदी तक फर्राटा चार्ज 
यूजर के स्मार्टफोन की बैटरी अगर खत्म हो जाती है तो क्विक चार्ज बहुत ही बेहतर तरीके से काम करता है। लेकिन अगर स्मार्टफोन की बैटरी 60 फीसदी से ज्यादा चार्ज है तो उसके बाद चार्जिंग की रफ्तार कम हो सकती है। टेक्नोलॉजी विशेषज्ञों के मुताबिक कुछ डिवाइस में लगभग 75 फीसदी तक क्विक चार्ज फीचर काम करता है।  

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