सरकार के साथ 'नो बैक डोर' समझौता करने के लिए तैयार है हुआवेई
दूरसंचार उपकरण बनाने वाली चीन की कंपनी हुआवेई जासूसी को हतोत्साहित करने के लिए भारत सरकार के साथ 'नो बैक डोर समझौता करने के लिए तैयार है। कंपनी का कहना है कि अन्य कंपनियों को भी इस तरह के समझौते...
दूरसंचार उपकरण बनाने वाली चीन की कंपनी हुआवेई जासूसी को हतोत्साहित करने के लिए भारत सरकार के साथ 'नो बैक डोर समझौता करने के लिए तैयार है। कंपनी का कहना है कि अन्य कंपनियों को भी इस तरह के समझौते पर हस्ताक्षर करने चाहिए हुआवेई के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर आपूर्ति करने पर अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद उसका कारोबार देश में भी निगरानी के दायरे में हैं।
हुआवेई के भारतीय कारोबार के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जय चेन ने पीटीआई-भाषा से कहा, '' हमने भारत सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखा है कि हम 'नो बैक डोर समझौते पर हस्ताक्षर के लिए तैयार हैं। हम अन्य मूल उपकरण विनिर्माताओं को भी सरकार और दूरसंचार सेवाप्रदाताओं के साथ इस तरह के समझौते करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।"
प्रौद्योगिकी उत्पादों में 'बैक डोर से आशय सरकार या अन्य किसी तीसरे पक्ष के साथ आंकड़े साझा करने की व्यवस्था से होता है। यह व्यवस्था अनाधिकृत और दुर्भावना से की जाती है। ऐसे में 'नो बैक डोर का आशय इस तरह की किसी व्यवस्था को अपनाने से मना करना हुआ।
दूरसंचार विभाग ने 2011 में सुरक्षा दिशानिर्देश जारी किए थे। इसमें दूरसंचार सेवाप्रदाताओं को उनके नेटवर्क में मान्य उपकरण और डिवाइस लगाने का निर्देश दिया गया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह किसी बग या बुरे सॉफ्टवेयर से मुक्त हों।
इन दिशानिर्देशों का अनुपालन करने में विफल रहने पर दूरसंचार कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान भी है। हालांकि सरकार का दूरसंचार उपकरणों और उत्पादों में सुरक्षा मुद्दों की जांच करने के लिए प्रयोगशाला का गठन किया जाना बाकी है।