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Facebook और Tinder पर पकड़ा जाएगा टैक्स्ट मैसेज पर लिखा झूठ 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चैटिंग के दौरान कई बार लोग भरोसा जीत लेते हैं लेकिन क्या आपने कभी जानने की कोशिश की है कि कंप्यूटर स्क्रीन की दूसरी तरफ बैठा व्यक्ति सच्चा है या झूठा। इसी सच और झूठ को...

Facebook और Tinder पर पकड़ा जाएगा टैक्स्ट मैसेज पर लिखा झूठ 
लाइव हिन्दुस्तान नई दिल्ली Wed, 20 March 2019 01:42 PM
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चैटिंग के दौरान कई बार लोग भरोसा जीत लेते हैं लेकिन क्या आपने कभी जानने की कोशिश की है कि कंप्यूटर स्क्रीन की दूसरी तरफ बैठा व्यक्ति सच्चा है या झूठा। इसी सच और झूठ को पकड़ने के लिए वैज्ञानिक एक ऑनलाइन पोलीग्राफ तैयार कर रहे हैं जो ऑनलाइन दुनिया में लिखे जा रहे झूठे शब्दों की पहचान करेंगे। इस तकनीक को डेटिंग एप टिंडर, फेसबुक मैसेंजर और ट्विटर पर भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। यह शोध जर्नल कंप्यूटर इन ह्यूमन बिहेवियर में प्रकाशित किया गया है।

फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता शुयून हो के मुताबिक, kआमने-सामने रहकर बातचीत करने पर कुछ ट्रिक्स से सामने वाले का झूठ पकड़ा लगभग संभव है जैसे चेहरे का हाव-भाव, बोलने का लहजा और फिजिकल एक्टिविटी आदि। लेकिन, जब कई किलोमीटर दूर स्थित व्यक्ति कंप्यूटर/लैपटॉप पर अपने शब्दों से सामने वाले को सहमत करने की कोशिश करता है तो उसका झूट पहचानना मुश्किल हो जाता है।l शोधकर्ता ने कहा, kमेरे शोध का इस्तेमाल करके ऑनलाइन पोलोग्राफ को अलग-अलग आयामों में इस्तेमाल किया जाएगा।l शोधकर्ता के मुताबिक, इस ऑनलाइन पोलीग्राफ को ऑनलाइन टेडिंग एप टिंडर, फेसबुक और ट्विटर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। 

कैसे काम करेगी तकनीक 
भविष्य में यह मशीन झूठे लोगों को पकड़ने के लिए उनके द्वारा ऑनलाइन दुनिया में लिखे जा रहे शब्दों का मूल्यांकन करेगी और झूठ पकड़े जाने पर तुरंत अलर्ट देगी। शोधकर्ता के मुताबिक, इस तकनीक को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। शोध के दौरान एक व्यक्ति एक टाइम में मैसेज पर 50 फीसदी तक झूठ बोलता पाया गया लेकिन जब उसका मूल्यांकन मशीन पर किया गया तो उसने 85 फीसदी बातें झूठी कही थीं। 

असली दुनिया में छह सेंसर से होता है पोलीग्राफ टेस्ट 
असली दुनिया में पॉलीग्राफी टेस्ट (झूठ पकड़ने का टेस्ट) किया जाता है तो उसके साथ छह सेंसर जोड़े जाते हैं और चार बातों को रिकॉर्ड किया जा सकता है।  

-व्यक्ति के सांस लेने की गति (ब्रीदिंग रेट)
- व्यक्ति की ह्रदय गति 
- व्यक्ति का ब्लड प्रेशर
- व्यक्ति के शरीर से निकल रहा पसीना
 

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