जालसाज ने बुजुर्ग से फोन पर लूटे 37 लाख रुपये, गूगल पर किया था बस ये काम
एक धोखेबाज ने एक बैंक का कस्टमर केयर ऑफिसर बनकर गुरुग्राम में रहने वाला बुजुर्ग से 37 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। दरअसल, बुजुर्ग ने गूगल सर्च करने के बाद, संबंधित बैंक के 'कस्टमर केयर' का नंबर खोजा था।

इस खबर को सुनें
एक धोखेबाज ने कस्टमर केयर ऑफिसर बनकर एक बुजुर्ग से 37 लाख रुपये लूट लिए। लाइवमिंट ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि, एक धोखेबाज ने एक बैंक का कस्टमर केयर ऑफिसर बनकर गुरुग्राम में रहने वाला बुजुर्ग से 37 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित को अपने क्रेडिट कार्ड के डिलीवरी स्टेटस के बारे में कुछ घंटों के अंतराल में दो मैसेज मिले और बाद में उसके साथ 37.6 लाख रुपये की धोखाधड़ी हुई, जिसमें उसके सेविंग अकाउंट और एफडी का पैसा शामिल था।
बुजुर्ग ने कर दी थी ये गलती
पुलिस ने कहा कि न्यू गुरुग्राम निवासी 76 वर्षीय हरीश चंदर को इस साल 23 अक्टूबर को एक एसएमएस मिला, जिसमें कहा गया था कि उनका नया क्रेडिट कार्ड उनके पते पर नहीं पहुंचा है। लेकिन कुछ ही घंटों में उन्हें एक और एसएमएस आया कि कार्ड डिलीवर हो गया है। चंदर को तब चिंता हुई और उसने इंटरनेट पर क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक के कस्टमर केयर नंबर खोजा। गूगल सर्च करने के बाद, पीड़ित को संबंधित बैंक के 'कस्टमर केयर' के रूप में हाइलाइट किया गया एक नंबर मिला।
पुलिस ने बताया कि पीड़ित ने उस नंबर पर कॉल किया जो उन्हें इंटरनेट पर मिला था और यह एक कस्टमर केयर ऑफिसर के रूप में एक धोखेबाज का नंबर था। धोखेबाज ने चंदर का पता अपडेट करने के नाम पर उसके बैंक अकाउंट डिटेल्स को निकलवाया और उसे अपने मोबाइल फोन पर रिमोट एक्सेस ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा। चंदर ने कहा कि वह पहले पुराने गुरुग्राम में रहते थे और कुछ साल पहले एक नए घर में शिफ्ट हो गए।
चंदर ने बताया "संदिग्ध ने मेरा विश्वास जीतने के लिए कहा कि सुरक्षा कारणों से कॉल रिकॉर्ड की जा रही है और मुझे चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। मैं यह समझने में विफल रहा कि यह एक धोखेबाज था और मैने अपने जीवन की सारी बचत खो दी।"
पुलिस ने सोमवार को मानेसर के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में आईटी अधिनियम की धारा 43ए, 66 और 66डी और इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) की धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया है। जालसाज की लोकेशन का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।
(कवर फोटो क्रेडिट-alliancecom)