टूट जाएगा Android-iOS वर्चस्व! आ रहा है स्वदेशी OS; ये है भारत सरकार का मास्टर प्लान
स्मार्टफोन इकोसिस्टम में एंड्रॉइड और आईओएस लंबे समय से दो प्रमुख नाम रहे हैं। वे अपनी प्रतिस्पर्धा से आगे निकलने और आगे बढ़ने में कामयाब रहे। अब, ये दोनों लगभग हर स्मार्टफोन खरीदार के लिए डिफॉल्ट...

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स्मार्टफोन इकोसिस्टम में एंड्रॉइड और आईओएस लंबे समय से दो प्रमुख नाम रहे हैं। वे अपनी प्रतिस्पर्धा से आगे निकलने और आगे बढ़ने में कामयाब रहे। अब, ये दोनों लगभग हर स्मार्टफोन खरीदार के लिए डिफॉल्ट ऑप्शन बन गए हैं। एकाधिकार होने के नाते, एंड्रॉइड और आईओएस ऐप इकोसिस्टम और रेवेन्यू जनरेशन दोनों ही मामलों में इन ओएस का वर्चस्व है। लेकिन अब एंड्रॉइड और आईओएस की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। जी हां, भारत सरकार अपना ऑपरेटिंग सिस्टम डेवलप करके इस एकाधिकार का मुकाबला करने के लिए एक नई योजना के साथ तैयार है।
सरकार एक नई नीति पेश करने की योजना बना रही है जो विभिन्न स्टेकहोल्डर्स को स्मार्टफोन इंडस्ट्री के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम और संबंधित इकोसिस्टम बनाने में सक्षम बनाएगी। यह कदम न केवल उपयोगकर्ताओं के लिए एक ऑप्शन प्रदान करने में बल्कि एक सस्ता और अधिक समावेशी ऑपरेटिंग सिस्टम की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
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सरकार एक स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम बनाना चाहती है- चंद्रशेखर
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पीटीआई के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि सरकार एक स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम बनाना चाहती है जो एंड्रॉइड और आईओएस का ऑप्शन होगा।
चंद्रशेखर ने कहा- "फिलहाल बाजार में कोई तीसरा नहीं है। इसलिए, कई मायनों में एक नया हैंडसेट ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने के लिए एमईआईटीवाई और भारत सरकार में जबरदस्त दिलचस्पी है। हम लोगों से बात कर रहे हैं। हम उसके लिए एक नीति देख रहे हैं।" भारत सरकार स्टार्ट-अप और अकादमिक इकोसिस्टम की मदद से इस वैकल्पिक इकोसिस्टम को प्राप्त करने की योजना बना रही है।
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चंद्रशेखर ने कहा, "अगर कुछ वास्तविक क्षमता है तो हम उस क्षेत्र को विकसित करने में बहुत रुचि लेंगे क्योंकि इससे आईओएस और एंड्रॉइड के लिए एक ऑप्शन तैयार होगा जो कि एक भारतीय ब्रांड विकसित हो सकता है। महत्वपूर्ण है स्पष्ट लक्ष्य रखना। एक बार जब हमारे पास स्पष्ट लक्ष्य होंगे और हमें क्या हासिल करना है, तो सभी नीतियां और कार्य इसके अनुरूप होंगे।"