बजट आते ही सस्ते क्यों हुए मोबाइल और टीवी? जानें बजट और इनकी कीमत का 'कनेक्शन'
भारत में केंद्रीय बजट पेश होने के बाद मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और टीवी खरीदने वालों ग्राहकों को अच्छी खबर मिली है। इन प्रोडक्ट्स की कीमत अब कम होने वाली है और हम इसकी वजह आपको बता रहे हैं।

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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2023-2024 के लिए केंद्रीय बजट पेश कर दिया है, जिसमें कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। इस बजट का असर इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल फोन्स और टेलीविजन की कीमतों पर पड़ेगा और ये सस्ते होने वाले हैं। आपके मन में यह सवाल जरूर होगा कि बजट इन चीजों की कीमत को कैसे प्रभावित करता है और बजट आते ही इनके सस्ते होने की बात कैसे सामने आई। हम आपको विस्तार से इसकी वजह समझाते हैं।
सरकार की ओर से इस साल बड़ा फैसला इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल फोन्स और टेलीविजन्स पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी कम करने का लिया गया है। यानी कि इन प्रोडक्ट्स को मैन्युफैक्चर करने के लिए जो पार्ट्स भारत बाहरी देशों से मंगवाता या आयात करता है, उनपर पहले के मुकाबले कम कस्टम ड्यूटी देनी होगी। इसका फायदा ग्राहकों को इन डिवाइसेज की कीमत में कटौती के तौर पर देखने को मिल सकता है।
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पहले से कम कस्टम ड्यूटी देनी होगी
निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान घोषणा की कि टीवी पैनल्स के ओपेन सेल्स के पार्ट्स पर बेसिक कस्टम ड्यूटी अब घटाकर 2.5 पर्सेंट की जा रही है। इस बदलाव के साथ सरकार की मंशा भारत में टेलीविजन मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने की है। सिर्फ टीवी ही नहीं, कैमरा लेंस जैसे अन्य पार्ट्स और इनपुट्स के लिए भी कस्टम ड्यूटी घटाई गई है। इसी तरह फोन्स व अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स में इस्तेमाल होने वाली लिथियम-आयन बैटरी के लिए भी ड्यूटी कम की गई है।
इसलिए सस्ते होंगे फोन्स और टीवी
ढेरों कंपनियां अपने डिवाइसेज की भारत में मैन्युफैक्चरिंग कर रही हैं लेकिन होम-कंट्री के मुकाबले उनके पार्ट्स के लिए यहां अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता है। इस तरह पार्ट्स महंगे होने के चलते फोन्स, टीवी व अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स की कीमत बढ़ानी पड़ती है। सरकार इस कस्टम ड्यूटी को कम या ज्यादा करते हुए किसी पार्ट या प्रोडक्ट का भारत में आयात नियंत्रित कर पाती है। साफ है कि सरकार कस्टम ड्यूटी कम करते हुए भारत में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना चाहती है।
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भारत में बने आईफोन इसलिए सस्ते
उदाहरण की मदद से समझना आसान है कि बजट व सरकार के फैसले किसी प्रोडक्ट की कीमत को कैसे प्रभावित करते हैं। कैलिफोर्निया की टेक कंपनी ऐपल जिन आईफोन मॉडल्स को बाहरी देशों में बनाती हैं और बने-बनाए डिवाइसेज भारत में मंगवाती है, उनपर ज्यादा कस्टम ड्यूटी व टैक्स भरना पड़ता है। वहीं, जिन आईफोन मॉडल्स की मैन्युफैक्चरिंग भारत में शुरू हो गई है, उनके पार्ट्स पर कम ड्यूटी लगती है और उन्हें कम कीमत पर मार्केट में बेचा जा सकता है।
भारत में बने इलेक्ट्रॉनिक्स, बाहर से मंगवाए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स के मुकाबले सस्ते होते हैं इसलिए कंपनियां बाहर से बने-बनाए प्रोडक्ट्स मंगवाने के बजाय यहां मैन्युफैक्चरिंग शुरू कर रही हैं। इस तरह 'मेक इन इंडिया' अभियान को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। ग्राहकों को भी कम कीमत पर प्रीमियम डिवाइसेज खरीदने का विकल्प इन बदलावों के चलते मिलेगा।