टेंशन में Google, इन-ऐप पेमेंट के चक्कर में बढ़ सकती है मुश्किल
गूगल की इन-ऐप पेमेंट सर्विस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। इन-ऐप पेमेंट फीस को लेकर कई कंपनियों ने गूगल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। गूगल इन-ऐप पेमेंट के लिए कंपनियों से 15 से 30% तक लेता है।

गूगल की टेंशन बढ़ गई है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार Competition Commision of India (CCI) ने शुक्रवार को एक नॉन-पब्लिक ऑर्डर जारी किया है। ऑर्डर में गूगल की इन-ऐप पेमेंट सर्विस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। इन-ऐप पेमेंट फीस को लेकर कई कंपनियों ने गूगल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। द मैच ग्रुप के अलावा दूसरे कई स्टार्टअप्स ने CCI से अपील की थी कि वह गूगल के यूजर चॉइस बिलिंग सिस्टम की जांच करे क्योंकि कंपनियों का दावा है कि यह ऐंटी-कॉम्पिटिटिव है।
गूगल पर लगा था 113 मिलियन डॉलर का जुर्माना
पिछले साल अक्टूबर में CCI ने गूगल पर 113 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाते हुए कहा था कि गूगल को थर्ड पार्टी बिलिंग को परमिट करना होगा। साथ ही CCI ने गूगल को यह भी कहा था कि वह डेवेलपर्स को इन-ऐप पेमेंट को यूज करने के लिए मजबूर करना बंद करे। गूगल इन-ऐप पेमेंट के लिए कमीशन के तौर पर कंपनियों से 15 से 30 पर्सेंट तक लेता है।
'गूगल का नया सिस्टम भी लेता है सर्विस फी'
भारी विरोध के बाद गूगल ने यूजर चॉइस बिलिंग सिस्टम को इंट्रोड्यूस किया था। यह यूजर्स को इन-ऐप कॉन्टेंट को खरीदने के लिए गूगल के अलावा दूसरे पेमेंट ऑप्शन देता है। इसके बावजूद भी कुछ कंपनियों ने शिकायत की है कि गूगल का नया सिस्टम अभी भी उनसे 'सर्विस फी' के नाम पर 11 से 26 प्रतिशत लेता है।
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चार हफ्ते में गूगल को देना होगा जवाब
CCI ने गूगल से कहा कि वह यूजर चॉइस बिलिंग (यूसीबी) सिस्टम की शुरुआत से पहले और बाद में अपने इन-ऐप पेमेंट से जुड़े खास नियमों को साफ करे। साथ ही सीसीआई ने यूजर और ऐप डेवलपर डेटा के शेयरिंग को कंट्रोल करने वाली पॉलिसी के बारे में भी गूगल को जानकारी देने के लिए कहा है। गूगल को आदेश का जवाब देने के लिए चार हफ्ते का समय दिया गया है।
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