Apple का रुख चाइना से भारत की ओर! 2025 तक हर चार में से एक iPhone होगा मेड इन इंडिया
वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार कंपनी फॉक्सकॉन के नेतृत्व में ताइवान के असेंबलर्स पर निर्भरता कम करने के लिए सप्लायर्स को भारत और वियतनाम में अधिक सक्रिय रहने के लिए कह रहा है।
चाइना की ढुलमुल कोविड पॉलिसी और भारत में बिजनेस के लिए बनते बेहतर माहौल को देखते हुए एप्पल, इंडिया में ज्यादा से ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग की योजना पर काम कर रही है। इसका एक और कारण एप्पल की प्रीमियम स्मार्टफोन iPhone 14 pro की सप्लाई चेन में आई भारी कमी को बताया जा रहा है। वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार कंपनी फॉक्सकॉन के नेतृत्व में ताइवान के असेंबलर्स पर निर्भरता कम करने के लिए सप्लायर्स को भारत और वियतनाम में अधिक सक्रिय रहने के लिए कह रहा है। आइए जानते हैं कि कंपनी के ऐसा करने के पीछे क्या कारण है।
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इंडिया से 45 पर्सेंट शिपमेंट की योजना बना रहा एप्पल
फेम्ड एनालिस्ट मिंग ची कुओ के अनुसार एप्पल भारत से 40 से 45 पर्सेंट आईफोन के शिपमेंट की योजना पर काम कर रहा है। इस साल के चौथी तिमाही में सिर्फ 70 से 75 मिलियन यूनिट iPhone का शिपमेंट हुआ है। जो चाइना में हुए इस उथल-पुथल से पहले के मार्केट प्रोजेक्शन से 10 मिलियन यूनिट कम है। इस वजह से कंपनी के iPhone 14 pro और iPhone 14 pro Max मॉडल के सप्लाई चेन को काफी नुकसान पहुंचा है। दूसरी ओर जेपी मॉर्गन के अनुसार साल 2025 तक हर चार में से एक आईफोन मेड इन इंडिया होगा।
iPhone का इंडिया में इंपोर्ट घटकर हुआ 15 पर्सेंट
मार्केट इंटेलिजेंस फर्म, साइबर मीडिया रिसर्च (CMR) के अनुसार साल 2022 में iPhone का इंडिया में इंपोर्ट घटकर 15 पर्सेंट हो गया जो साल 2019 में 50 पर्सेंट था। जबकि iPhone के डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग में 85 पर्सेंट का इजाफा हुआ है। इसके अलावा इंडिया में iPhone का प्रोडक्शन साल 2021 में 7 मिलियन था जो साल 2022 में बढ़कर 12 से 13 मिलियन हो गया। वहीं साल 2019 में डोमेस्टिक आईफोन मैन्युफैक्चरिंग का इंडिया में कंट्रीब्यूशन 50 पर्सेंट था जो साल 2021 में बढ़कर 73 पर्सेंट हो गया।