स्मार्टफोन के अधिक इस्तेमाल से खड़ी हुई मुश्किलें, छीन रहा मुस्कुराहट
स्मार्टफोन ने हमारी जिंदगी भले ही आसान कर दी हो, लेकिन इसके जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल ने मुश्किलें भी खड़ी कर दी हैं। वॉशिंगटन के जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय ने एक अध्ययन के बाद दावा किया है कि मोबाइल फोन...
स्मार्टफोन ने हमारी जिंदगी भले ही आसान कर दी हो, लेकिन इसके जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल ने मुश्किलें भी खड़ी कर दी हैं। वॉशिंगटन के जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय ने एक अध्ययन के बाद दावा किया है कि मोबाइल फोन आपके चेहरे से मुस्कुराहट भी छीन रहा है।
शोध के मुताबिक स्मार्टफोन की बढ़ती लत से लोग अपने में ही ज्यादा व्यस्त रहते हैं और सामाजिक नहीं हो पाते हैं। कोस्तादिन कुशलेव के नेतृत्व में किए गए अध्ययन के मुताबिक, 'स्मार्टफोन की वजह से लोग अपने आसपास के माहौल में कम घुलना-मिलना पसंद करते हैं।' शोधकर्ताओं का कहना है, 'इंसान के सामाजिक व्यवहार में मुस्कुराना सबसे आधारभूत चीज है।'
बेडरूम में मोबाइल की नो एंट्री से फायदा
जर्नल 'कंप्यूटर्स इन ह्यूमन बिहेवियर' में ही प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में यह भी पाया गया है कि स्मार्टफोन आपकी नींद का दुश्मन भी बन गया है। इसलिए मोबाइल की बेडरूम में नो एंट्री होनी चाहिए। शोध के मुताबिक अगर आप बेडरूम में मोबाइल फोन का प्रयोग नहीं करते हैं तो इससे आपकी जिंदगी की क्वालिटी में बढ़ोतरी होती है और आप ज्यादा खुश रहते हैं। जब आप मोबाइल को बेडरूम में नहीं लेकर जाते हैं, तो इससे मोबाइल की लत भी कम होती है।
मुलाकात का मजा किरकिरा
अध्ययन के दौरान करीब 300 लोगों को अपने परिजनों, दोस्तों या किसी अन्य साथी के साथ बाहर खाना खाने को कहा गया। इनमें से कुछ लोगों को खाने की मेज पर मोबाइल फोन रखने की अनुमति दी गई। बाद में लोगों ने स्वीकार किया कि मोबाइल की वजह से उनका ध्यान भटका और वे अपनों के साथ बिताने वाले समय का लुत्फ नहीं उठा पाए।