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सोच-समझकर करना AI से बातें, अब इस काम के लिए बातचीत का इस्तेमाल करेगी मेटा

सोच-समझकर करना AI से बातें, अब इस काम के लिए बातचीत का इस्तेमाल करेगी मेटा

संक्षेप: Facebook और Instagram पर विज्ञापन दिखने के लिए मार्क जकरबर्ग ने एक नया तरीका ढूंढा निकाला है। अब मेटा AI चैटबॉट्स से की गई बातचीत के आधार पर यूजर को विज्ञापन दिखाएगी। यह बदलाव 16 दिसंबर को एक अपडेटेड प्राइवेसी पॉलिसी के साथ लागू होगा।

Wed, 1 Oct 2025 09:12 PMArpit Soni लाइव हिन्दुस्तान
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Facebook और Instagram पर विज्ञापन दिखने के लिए मार्क जकरबर्ग ने एक नया तरीका ढूंढा निकाला है। अब मेटा AI चैटबॉट्स के की गई बातचीत के आधार पर यूजर को विज्ञापन दिखाएगी। मेटा ने घोषणा की है कि वह फेसबुक और इंस्टाग्राम पर टारगेटेड विज्ञापन बेचने के लिए अपने एआई प्रोडक्ट्स के साथ यूजर्स की बातचीत से मिले डेटा का उपयोग करना शुरू करेगा। टेकक्रंच की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने कहा कि यह बदलाव 16 दिसंबर को एक अपडेटेड प्राइवेसी पॉलिसी के साथ प्रभावी होगा, और आने वाले दिनों में यूजर्स को इसके बारे में सूचित भी किया जाएगा। मेटा के अनुसार, यह अपडेट दुनियाभर में लागू होगा, केवल दक्षिण कोरिया, यूके और यूरोपीय संघ को छोड़कर, जहां का प्राइवेसी कानून इस तरह के डेटा का उपयोग करने की अनुमति नहीं देता है।

AI से बातचीत का डेटा विज्ञापन के लिए यूज होगा

मेटा लंबे समय से डिटेल विज्ञापन प्रोफाइल बनाने के लिए यूजर्स के डेटा पर निर्भर रहा है, जिससे विज्ञापनदाताओं को खास ग्रुप्स तक पहुंचने के तरीके मिलते हैं। अब, इसके एआई चैटबॉट के साथ क गई बातचीत भी इसमें शामिल हो जाएगी, जिससे कंपनी को विज्ञापन टारगेट को बेहतर बनाने के लिए जानकारी का एक और सोर्स मिल जाएगा।

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कंपनी का कहना है कि हर महीने एक अरब से ज्यादा लोग मेटा एआई का इस्तेमाल करते हैं और अक्सर लंबी और डिटेल में बातचीत करते हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई हाइकिंग के बारे में बात करता है, तो उसे बाद में आउटडोर गियर के विज्ञापन दिखाई दे सकते हैं। मेटा की योजना अन्य एआई प्रोडक्ट्स से प्राप्त डेटा का भी उपयोग करने की है, जिसमें उसके रे-बैन मेटा स्मार्ट ग्लास, एआई इमेज जनरेटर इमेजिन और एआई-वीडियो फीड वाइब्स शामिल हैं।

इन बातचीत का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा

यूजर्स के पास इससे बाहर निकलने का कोई विकल्प नहीं है। मेटा का कहना है कि धर्म, राजनीति, यौन रुझान या स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील विषयों से जुड़ी बातचीत का इस्तेमाल विज्ञापन के लिए नहीं किया जाएगा।

यह कदम इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे टेक कंपनियां एआई प्रोडक्ट्स से पैसा कमाने की कोशिश कर रही हैं, जिनमें से ज्यादातर आज फ्री हैं। ओपनएआई ने हाल ही में चैटजीपीटी में शॉपिंग टूल्स पेश किए हैं, जबकि गूगल ने अपने एआई-पावर्ड सर्च में विज्ञापन लाने की योजना की घोषणा की है। मेटा ने कहा है कि एआई प्रोडक्ट्स के अंदर विज्ञापन दिखाने की उसकी तत्काल कोई योजना नहीं है, हालांकि सीईओ मार्क जकरबर्ग ने सुझाव दिया है कि भविष्य में ऐसा हो सकता है।

Arpit Soni

लेखक के बारे में

Arpit Soni
अर्पित सोनी ने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। इन्हें करीब 8 साल का एक्सपीरियंस है। अर्पित ने अपना करियर स्वराज एक्सप्रेस न्यूज चैनल से शुरू किया। उसके बाद दैनिक भास्कर (डिजिटल) में अपनी सेवाएं दीं, यहां टेक और ऑटो बीट में करीब 4 साल काम किया। साल 2021 से अर्पित लाइव हिंदुस्तान में सेवाएं दे रहे हैं। टेक और गैजेट्स में इनका इंटरेस्ट है। और पढ़ें

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