Hindi Newsगैजेट्स न्यूज़meta and microsoft to h1b visa holders return to us within 24 hours
24 घंटे में वापस लौटें अमेरिका, H1B वीजा होल्डर से बोलीं मेटा और माइक्रोसॉफ्ट

24 घंटे में वापस लौटें अमेरिका, H1B वीजा होल्डर से बोलीं मेटा और माइक्रोसॉफ्ट

संक्षेप: मेटा और माइक्रोसॉफ्ट जैसी प्रमुख कंपनियों ने शनिवार सुबह एक बैठक की और अपने सभी H1B वीजा होल्डर से कम से कम 14 दिनों तक अमेरिका नहीं छोड़ने का आग्रह किया। बता दें कि अब H1B वीजा के लिए अमेरिका करीब 88 लाख रुपये की फीस वसूलेगा।

Sat, 20 Sep 2025 03:56 PMArpit Soni लाइव हिन्दुस्तान
share Share
Follow Us on

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा आप्रवासियों पर नए सिरे से कार्रवाई शुरू करने के बाद, Meta और Microsoft ने अपने H1B वीजा होल्डर कर्मचारियों से 24 घंटे के अंदर अमेरिका वापस लौटने को कहा है। दरअसल, मेटा और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनियों ने अपने H1B वीजा होल्डर्स को अमेरिका न छोड़ने की सलाह दी, कम से कम 14 दिनों के लिए। एनडीटीवी प्रॉफिट को मिले इंटरनल ईमेल के अनुसार, कंपनियों ने अमेरिका के बाहर रह रहे कर्मचारियों को 24 घंटे के अंदर देश लौटने को कहा, ताकि दोबारा प्रवेश करने में परेशानी न हो। ईमेल में कर्मचारियों से "निकट भविष्य" तक इन निर्देशों का पालन करने को कहा गया है। बता दें कि अब H1B वीजा के लिए अमेरिका करीब 88 लाख रुपये की फीस वसूलेगा।

LiveHindustan को अपना पसंदीदा Google न्यूज़ सोर्स बनाएं – यहां क्लिक करें।

मेटा और माइक्रोसॉफ्ट ने अपने कर्मचारियों से कहा

मेटा ने अपने H1B वीजा और H4 स्टेटस होलडर्स को सलाह दी है कि वे कम से कम दो सप्ताह तक अमेरिका में रहें, जब तक कि "प्रैक्टिकल एप्लिकेशन्स" समझ में न आ जाएं, तथा वर्तमान में बाहर रह रहे लोगों से कहा है कि वे 24 घंटे के अंदर अमेरिका वापस लौटने पर विचार करें।

दूसरी ओर, माइक्रोसॉफ्ट ने अमेरिका में अपने कर्मचारियों से "सख्ती से" कहा कि वे यहीं रहें ताकि उन्हें वापस आने से रोका न जाए। उसने देश के बाहर काम करने वाले कर्मचारियों से भी "वापस लौटने की पूरी कोशिश" करने को कहा।

क्या होता है H1B वीजा प्रोग्राम

अमेरिका में H1B वीजा प्रोग्राम उन लोगों के लिए आरक्षित है जो विशिष्ट व्यवसायों में कार्यरत हैं, खासकर तकनीकी क्षेत्र में। इनमें सॉफ्टवेयर इंजीनियर, टेक प्रोग्रामर्स मैनेजर और अन्य आईटी प्रोफेशनल्स शामिल हो सकते हैं। ये वीजा तीन साल के लिए वैध होते हैं और इन्हें अगले तीन साल के लिए रिन्यू किया जा सकता है।

वीजा के लिए 88 लाख वसूलेगा अमेरिका

शुक्रवार को राष्ट्रपति ट्रम्प ने विदेशी कर्मचारियों के लिए H1B वीजा की सालाना फीस नाटकीय रूप से बढ़ाकर 100,000 डॉलर (यानी करीब 88 लाख रुपये) कर दी। ट्रम्प के इस कदम से खासतौर से उन भारतीयों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा, जो अमेरिका में टेक या फिर अन्य कंपनियों में काम करते हैं।

इसका उद्देश्य अमेरिकी नागरिकों को नौकरी पर रखना

व्हाइट हाउस में घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करते हुए, ट्रम्प ने कहा कि "इसका उद्देश्य अमेरिकी नागरिकों को नौकरी पर रखना है।" प्रशासन ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य अमेरिकी वर्कर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करना है और साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि कंपनियों के पास "वास्तव में असाधारण लोगों" को नौकरी पर रखने और उन्हें अमेरिका लाने का रास्ता हो।

अगर ये कदम कानूनी कसौटी पर खरे उतरते हैं, तो कीमतों में भारी बढ़ोतरी होगी। कुशल श्रमिकों के लिए वीजा शुल्क 215 डॉलर से बढ़कर 10,000 डॉलर से 20,000 डॉलर प्रति वर्ष हो जाएगा। निवेशक वीजा शुल्क, जो कई यूरोपीय देशों में आम है, 10,000 डॉलर से बढ़कर 20,000 डॉलर प्रति वर्ष हो जाएगा।

प्रशासन ने एक गोल्ड कार्ड वीजा कार्यक्रम की घोषणा की है, जिसमें व्यक्तियों के लिए ट्रम्प गोल्ड कार्ड और ट्रम्प प्लैटिनम कार्ड, और व्यवसायों के लिए ट्रम्प कॉर्पोरेट गोल्ड कार्ड शामिल हैं। ये कार्ड विशेष विशेषाधिकार प्रदान करते हैं और रोजगार-आधारित वीजा की जगह लेंगे जो प्रोफेसर्स, वैज्ञानिकों, कलाकारों और एथलीटों सहित नागरिकता के रास्ते प्रदान करते हैं।

Arpit Soni

लेखक के बारे में

Arpit Soni
अर्पित सोनी ने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। इन्हें करीब 8 साल का एक्सपीरियंस है। अर्पित ने अपना करियर स्वराज एक्सप्रेस न्यूज चैनल से शुरू किया। उसके बाद दैनिक भास्कर (डिजिटल) में अपनी सेवाएं दीं, यहां टेक और ऑटो बीट में करीब 4 साल काम किया। साल 2021 से अर्पित लाइव हिंदुस्तान में सेवाएं दे रहे हैं। टेक और गैजेट्स में इनका इंटरेस्ट है। और पढ़ें

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।