
दुनियाभर में धूम मचा रहे हैं 'मेड इन इंडिया' iPhones, सिर्फ 6 महीनों में ₹88,000 करोड़ के iPhone एक्सपोर्ट
संक्षेप: भारत ने पहले छह महीने में iPhone के निर्यात में $10 बिलियन का रिकॉर्ड बना लिया है। जानिए कैसे यह संभव हुआ और इसका क्या महत्व है।
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भारत ने एक बड़ा मील का पत्थर पार कर लिया है इस वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों में 10 बिलियन डॉलर यानी लगभग ₹88,730 करोड़ के आईफोन्स एक्सपोर्ट हो चुके हैं। यह एक्सपोर्ट पिछले साल की समान अवधि के $5.71 बिलियन की तुलना में लगभग 75% अधिक है। यह आंकड़ा यह दिखाता है कि Apple सिर्फ भारत में केवल बाजार नहीं देख रहा बल्कि भारत को एक महत्वपूर्ण प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट सेंटर बना रहा है। सितंबर महीने में ही भारत से $1.25 बिलियन के iPhone निर्यात हुए जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में $490 मिलियन के मुकाबले लगभग 155% वृद्धि दर्शाता है। यह रिकॉर्ड Apple की रणनीति को भी दर्शाता है चीन पर निर्भरता कम करना और भारत को Apple की ग्लोबल सप्लाई चेन में भूमिका देना। भारत में कई नई फैक्ट्रियां खुली हैं जो प्रोडक्शन की क्षमता बढ़ाने में योगदान दे रही हैं।
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कैसे बना यह रिकॉर्ड?
पहली वजह सरकार की Production-Linked Incentive (PLI) योजना है, जिसने इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को बढ़ावा दिया। Apple ने भारत के अंदर उत्पादन को मजबूत किया, न कि सिर्फ असेंबली।
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दूसरी वजह है नई फैक्ट्रियों की स्थापना। अप्रैल 2025 में दो नई फैक्ट्रियां शुरू हुईं टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और फॉक्सकॉन। इन फैक्ट्रियों ने उत्पादन क्षमता बढ़ाई और निर्यात को आगे बढ़ाया।
तीसरी वजह है Apple का नीति परिवर्तन अब भारत में बने iPhone लॉन्च के समय से ही विश्व बाजारों में भेजे जाते हैं। पहले Pro मॉडल कई महीने बाद विदेश जाते थे, अब वह तुरंत भेजे जाने लगे हैं।
चौथी वजह है बढ़ती वैश्विक मांग और त्योहारों का असर जैसे अमेरिका में Thanksgiving, Black Friday, Christmas आदि जिनके लिए Apple भारत से पहले ही निर्यात बढ़ा देता है।
पांचवीं वजह है स्मार्टफोन निर्यात का बूम भारत ने कुल स्मार्टफोन निर्यात को पहले पांच महीनों में ₹1 लाख करोड़ पार कर लिया है।
मेड इन इंडिया आईफोन्स की इस सफलता का महत्व
यह सफलता सिर्फ आंकड़ा नहीं है, बल्कि भारत की मॉडल परिवर्तन की साख बन रही है एक ऐसा देश जो केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि निर्माता भी है। इससे रोजगार बढ़ेंगे फैक्ट्रियों में लाखों लोगों को काम मिलेगा। Apple को चीन पर निर्भरता कम करनी है भारत वह दूसरा विकल्प बन गया है।
इलेक्ट्रॉनिक सामानों की इम्पोर्ट निर्भरता कम होगी वह उत्पादें जो पहले विदेशों से आते थे, अब भारत में बनने लगेंगे। भारत की वैल्यू चेन मजबूत होगी घटक निर्माण, असेंबली, पैकेजिंग, लॉजिस्टिक्स तक सबकुछ भारत में होगा।

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