
अमेरिका में ताबड़तोड़ बिक रहे भारत में बने iPhone, स्मार्टफोन एक्सपोर्ट में 190 फीसदी की उछाल
संक्षेप: भारत में बने iPhone अमेरिका में ताबड़तोड़ बिक रहे हैं। नए आंकड़ों के अनुसार, डोनाल्ड ट्रम्प की व्यापार नीतियों के तहत टैरिफ की आशंकाओं के बीच स्मार्टफोन निर्माताओं द्वारा प्रोडक्शन बढ़ाने के कारण, अमेरिका को भारत का स्मार्टफोन निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।
भारत में बने iPhone अमेरिका में ताबड़तोड़ बिक रहे हैं। नए आंकड़ों के अनुसार, डोनाल्ड ट्रम्प की व्यापार नीतियों के तहत टैरिफ की आशंकाओं के बीच स्मार्टफोन निर्माताओं द्वारा प्रोडक्शन बढ़ाने के कारण, अमेरिका को भारत का स्मार्टफोन निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है, जिसका नेतृत्व ऐप्पल के आईफोन शिपमेंट ने किया है। भारतीय सेलुलर और इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) द्वारा बताए गए आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल और अगस्त 2025 के बीच, अमेरिका को स्मार्टफोन का एक्सपोर्ट 190% बढ़कर 8.4 अरब डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 2.9 अरब डॉलर था। अकेले यह पांच महीने का आंकड़ा पूरे वित्त वर्ष 25 में अमेरिका को भेजे गए कुल 10.6 बिलियन डॉलर का लगभग 80% था।
भारत स्थित मैन्युफैक्चरर्स में बढ़ाया प्रोडक्शन
इस वृद्धि का बड़ा हिस्सा ऐप्पल के कारण है। साल के शुरुआती महीनों में, जैसे ही वाशिंगटन में संभावित टैरिफ पर बहस तेज हुई, कंपनी ने भारत से शिपमेंट में तेजी ला दी। ताइवानी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर फॉक्सकॉन और टाटा ग्रुप द्वारा ऑपरेट की जा रही प्रोडक्शन यूनिट्स ने बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए प्रोडक्शन बढ़ाया। जुलाई में ऐप्पल के सीईओ टिम कुक ने पुष्टि की थी कि अमेरिका में बिकने वाले अधिकांश आईफोन का मूल देश भारत ही है।
कुल मिलाकर, भारत ने वित्त वर्ष 2026 के पहले पांच महीनों में 11.7 बिलियन डॉलर (लगभग 1 लाख करोड़ रुपये) कीमत के स्मार्टफोन का एक्सपोर्ट किया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 7.6 बिलियन डॉलर से 55% अधिक है। अमेरिका सबसे बड़ा डेस्टिनेशन बन गया है, जहां से अधिकांश शिपमेंट होता है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि स्मार्टफोन उद्योग का तेजी से विस्तार भारत के बिजनेस सिनेरियो में बड़े बदलाव को दर्शाता है। पिछले पांच सालों में, यह क्षेत्र देश के सबसे मजबूत एक्सपोर्ट परफॉर्मेर में से एक बन गया है, जिसे ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स मेकर्स को आकर्षित करने के लिए डिजाइन की गई सरकार की पीएलआई स्कीम से मदद मिली है।
भारत के लिए, ये आंकड़े सिर्फ एक्सपोर्ट में वृद्धि से कहीं ज्यादा दर्शाते हैं। ये ग्लोबल सप्लाई चैन में बदलाव का संकेत देते हैं, जहां अमेरिकी उपभोक्ता भारत में बने डिवाइसेस पर तेजी से निर्भर हो रहे हैं। ऐप्पल के लिए यह कदम चीन से बाहर उत्पादन में विविधता लाएगा, जो एक लंबे समय का रणनीतिक लक्ष्य रहा है।

लेखक के बारे में
Arpit Soniलेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




