चुनिंदा प्रोडक्ट्स बाकियों से ऊपर दिखा रहे थे Amazon और Flipkart, भारतीय एजेंसी की जांच में खुलासा
ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स Flipkart और Amazon के खिलाफ की गई शिकायत की जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है। सामने आया है कि ये प्लेटफॉर्म्स चुनिंदा सेलर्स को प्राथमिकता दे रहे थे और उनके प्रोडक्ट्स ऊपर दिखाते थे।
लोकप्रिय ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स Amazon और Flipkart पर अक्सर मार्केट के प्रतिस्पर्धा से जुड़े नियम-कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगता है और भारतीय एंटीट्रस्ट इनवेस्टिगेशन में इससे जुड़ा खुलासा हुआ है। सामने आया है कि अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन और वॉलमार्ट से जुड़े Flipkart ने कई कानून तोड़े हैं और नियमों का उल्लंघन किया है। आरोप हैं कि इन प्लेटफॉर्म्स ने चुनिंदा सेलर्स को उनकी वेबसाइट्स पर प्राथमिकता दी।
गोपनीय रिपोर्ट्स के हवाले से यह जानकारी समाचार एजेंसी Reuters की ओर से दी गई है। कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने साल 2020 में अमेजन और फ्लिपकार्ट पर लगे आरोपों की जांच का आदेश दिया था। आरोप लगे थे कि इन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स ने चुनिंदा सेलर्स को प्रोडक्ट लिस्टिंग के दौरान प्राथमिकता दी थी। यानी कि बाकी सेलर्स के मुकाबले उन्हें अलग ट्रीटमेंट मिल रहा था और उनके प्रोडक्ट्स ग्राहकों को ऊपर दिखाए जाते थे।
हजार से ज्यादा पन्नों की रिपोर्ट में खुलासा
अमेजन पर 1027 पन्नों की रिपोर्ट और फ्लिपकार्ट पर एक 1696 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी गई है। 9 अगस्त को फाइल की गईं इन रिपोर्ट्स में CCI के जांचकर्ताओं ने कहा है कि दोनों कंपनियों ने एक अलग इकोसिस्टम बना रखा था, जो चुनिंदा सेलर्स को सर्च रिजल्ट्स में ऊपर दिखा रहा था। ऐसे में बाकी सेलर्स को नुकसान हो रहा था और एक जैसे मौके नहीं दिए जा रहे थे।
दोनों ही रिपोर्ट्स में कहा गया है कि जांच के दौरान दोनों ही प्रतिस्पर्धा विरोधी गतिविधियों से जुड़ी जानकारी जुटाई गई और इन्हें सही पाया गया। इनमें कहा गया है कि दोनों ही प्लेटफॉर्म्स पर आम सेलर्स महज डाटा एंट्री भर थे और उनके प्रोडक्ट्स नहीं दिखाए जा रहे थे। हालांकि, ये रिपोर्ट्स पब्लिक नहीं हैं और रॉयटर्स ने इनके आधार पर जानकारी दी है। दोनों ही कंपनियां अब इन रिपोर्ट्स को रिव्यू करेंगी और किसी भी तरह की आपत्ति होने पर CCI के सामने ऑब्जेक्शन फाइल करेंगी।
कंपनियों पर लग सकता है भारी-भरकम जुर्माना
अगर जांच रिपोर्ट पर अमेजन या फ्लिपकार्ट कोई सफाई पेश नहीं कर पाते हैं और सभी आरोप सही हैं तो सजा के तौर पर CCI की ओर से इनपर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जा सकता है। आपको बता दें, प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ जांच की शुरुआत दिल्ली व्यापार महासंघ की ओर से की गई शिकायत के बाद शुरू हुई थी। इनपर लगातार आरोप लगते रहे हैं कि छोटे रिटेलर्स को अमेजन और फ्लिपकार्ट की ओर से नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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